अमरावती

संतरा उत्पादकों को देंगे मदद व जानकारी

यशोमति ठाकुर के सवाल पर सरकार का उत्तर

* विदर्भ में 14 लाख मेट्रिक टन उत्पादन

नागपुर/दि.18– विधायक यशोमति ठाकुर ने संतरा उत्पादक किसानों का विषय सदन में उपस्थित करते हुए निर्यात केंद्र बनाने और अन्य देशों में भी संतरा निर्यात करने के विषय में जानकारी व सहायता देने की मांग उपस्थित की. जिस पर सरकार ने शीघ्र बैठक लेकर समुचित सहायता व जानकार किसानों को देने की बात कही.

* 14 लाख टन उत्पादन
यशोमति ठाकुर ने सदन को बताया कि विदर्भ में 14-15 लाख टन संतरा उत्पादन होता है. केवल बांग्लादेश में यहां से फल निर्यात किया जाता है. अन्य देशों में किस प्रकार के संतरे की किस्म की डिमांड रहती है, इस बारे में यहां के उत्पादकों को जानकारी नहीं है. उसी प्रकार अपेडा और आईसीसीआर में संतरा निर्यात के बारे में करार हुआ था, उसका क्रियान्वयन नहीं होने के बारे में एड. ठाकुर ने प्रश्न उठाया.

* प्रदेश में पांच निर्यात केंद्र
ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में केवल 5 निजी निर्यात केंद्र है. जहां से संतरा विदेशों में भेजा जाता है. सरकारी केंद्र नहीं होने से संतरा उत्पादक किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाता. उन्होंने विदर्भ के संतरे को अन्य देशों में भेजे जाने की मांग की ताकि यहां के किसानों का लाभ हो.

* क्या कहा सरकार ने
इस विषय पर सरकार की तरफ से कहा गया कि कंपनियों से करार केंद्र ने किया था. उसमें राज्य शासन का रोल नहीं है. फिर भी अपने संतरा उत्पादक किसानों के लिए सरकार इस बारे में बैठक आहूत करेगी. अमरावती-नागपुर का संतरा विदेशों में भेजा जाएगा, इसकी व्यवस्था करेगी. किसानों को सहायता और मार्गदर्शन किया जाएगा.

* छोटे पुल बनाने अलग हेड
यशोमति ठाकुर ने नदी-नहरों पर छोटे पुल बनाने के लिए फंड नहीं होने का विषय भी सदन में उपस्थित किया. उन्होंने रत्नागिरी जिले के सावडाव-नरले तथा मिलदे-हातगे गांव में ऐसे पुल की नितांत आवश्यकता होने का उल्लेख कर पालक मंत्री रवींद्र चव्हाण के बयान पर भी ध्यान खींचा. तब सरकार की तरफ से कहा गया कि डीपीडीसी से फंड दिया जाएगा. उसमें अनुपलब्ध रहने अथवा कोई दिक्कत आने पर अलग से हेड बनाकर पुल का निर्माण होगा. पहले के मापदंड के अनुसार छोटे पुल अर्थात साकव बनाने 50 लाख रुपए दिए जाते थे अब लागत डेढ करोड रुपए हो गई है. इस बीच यशोमति ठाकुर ने सरकार पर जिला परिषद चुनाव नहीं लेने का आरोप कर कहा कि जनप्रतिनिधियों के हाथों कामकाज हो, ऐसा सरकार को बिल्कुल नहीं लगता. इसलिए चुनाव नहीं लिए जा रहे.

Related Articles

Back to top button