अमरावती/दि.28 – राज्य सेवा आयोग परीक्षा के लिए तथा नौकरी के लिए आवश्यक रहनेवाली अनाथ आरक्षण की समस्या विगत दो वर्षो से प्रलंबित है. जिसके कारण राज्यसेवा आयोग में कितने उम्मीदवार अपात्र होने लगे है. इस समस्या के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से पत्र द्वारा तत्काल विनती करने की जानकारी महिला और बालविकास मंत्री एड. यशोमती ठाकुर ने दी. इस संदर्भ में आज अनाथ विद्यार्थियों ने एड. यशोमती ठाकुर से मुलाकात कर अपनी मांगे रखी.
अनाथ आरक्षण में अ वर्ग प्रमाणपत्र में जिनके रिश्तेदार नहीं है और जिनकी जाति का उल्लेख नहीं है. ऐसे अनाथ बालक शामिल है. प्रमाणपत्र ब में जिनके रिश्तेदार नहीं है जिनकी जाति का उल्लेख है और जिसे संस्था संभाल रही है. ऐसे बालक शामिल है. इसके अलावा प्रमाणपत्र क में जिनके माता पिता नहीं है तथा उन्हें रिश्तेदारों ने संभाल लिया है ऐसे अनाथ बालक शामिल है. इसमें से अ और ब को राज्य सरकार ने पात्रता निर्धारित की है. लेकिन क वर्ग को पात्रता नही दी है. जिसके कारण अनेक विद्यार्थियोें का भविष्य अंधकारमय हो गया है. क दर्जे के उम्मीदवारों को अनाथ प्रमाणपत्र मिले और उन्हें भविष्य के लिए नौकरी में अवसर मिले इसके लिए शासन निर्णय में बदल करने की आवश्यकता है. इस तरह का प्रस्ताव महिला और बालविकास विभाग के माध्यम से देने का एड. यशोमती ठाकुर ने बताया है तथा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से इस संबंध में प्रयास कर जल्द ही इस संदर्भ में नये निर्णय घोषित कर ऐसे अनाथ विद्यार्थियों की समस्या हल करेंगे. ऐसा यशोमती ठाकुर ने बताया. जिससे अनेक विद्यार्थियों की नौकरी की समस्या हल होकर उन्हें अवसर मिलेगा.