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क्या पढाई, परीक्षा भी होगी प्रभावित?

कल से राज्यव्यापी हडताल

* अमरावती में 57 हजार कर्मचारी होंगे शामिल
अमरावती/दि.13- पुरानी पेंशन योजना की मुख्य मांग लेकर कल मंगलवार 14 मार्च से शुरु हो रही कर्मचारियों की राज्यव्यापी अनिश्चकालीन हडताल में अमरावती जिले के 53497 कर्मचारी शामिल होने की घोषणा मध्यवर्ती संगठन के डी.एस. पवार ने की. जिससे अध्यापक वर्ग भी हडताल में सहभागी होने के कारण पढाई और परीक्षा पर भी असर होने का दावा किया जा रहा है. दूसरी तरफ हडताल रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस प्रयत्नशील हैं. विधानभवन में आज दोपहर बैठक हो रही है. इस बैठक के नतीजे पर हडताल होना या न होना निर्भर है. सीटू ने भी हडताल का समर्थन किया. जिलाध्यक्ष सुभाष पांडे ने मुख्यमंत्री से हडताल टालने कर्मचारियों की सभी मांगे मानने की अपील की है. पांडे के साथ जिला सचिव सुनील देशमुख, उपाध्यक्ष रमेश सोनुले, महेंद्र बूब, पद्मम भाई गजभिए, अभय देव, राजेंद्र भांबोरे, अंकुश वाघ, किशोर शिंदे, चंदा वानखडे, जयेश सेठिया ने सीएम से अपील की हैं.
उधर पवार ने दावा किया कि कर्मचारी वर्ग 3 के 10947, जिला परिषद के 8598, मनपा के 924, पालिका के 739, इतर क्षेत्र के 16153, शिक्षक और कर्मचारी 16136 का इसमें समावेश है. प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष एच.बी. घोम, श्रीकृष्ण तायडे, वर्षा पागोटे, कोषाध्यक्ष एस.डी.कपाले, एस.डब्ल्यू. शिरके, नामदेव गडलिंग, भास्कर रिठे, अनिल मानकर, डी.बी. देशमुख, कमलाकर वनवे, पंकज गुल्हाने, नामदेवराव मेेटांगे, गौरव काले, गोकूलदास राउत, राजेश सावरकर, संभाजी रेवाले, जोशी, महेंद्र हडतालकर आदि उपस्थित थे.
पवार ने बताया कि गत 4 मार्च को मुंबई में हुई समन्वयक समिति की बैठक में 14 मार्च से बेमियादी हडताल करने का निर्णय किया गया. कर्मचारियों और शिक्षकों के सभी संगठन मिलकर यह हडताल कर रहे है. उन्होंने दावा किया कि हडताल से प्रशासन ठप हो जाएगा और जनजीवन पर परिणाम होगा. मोर्चे की अनुमति मिली तो नेहरु मैदान से जिलाधिकारी कार्यालय तक मोर्चा ले जाया जाएगा. हडताल की नोटिस सरकार को गत 24 फरवरी को दे दी गई थी. सरकार ने पुराने पेंशन योजना पर बीच का रास्ता निकालने की बात कही है जो हमें मंजूर नहीं.

* सुलभा खोडके कर्मचारियों के साथ, लाएंगी स्थगन प्रस्ताव
शहर की विधायक सुलभाताई खोडके ने कर्मचारियों का साथ देने की घोषणा करते हुए काम रोको प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है. सुलभाताई ने पुरानी पेंशन योजना सहित कर्मचारियों की सभी मांगे मान्य करने की आवाज सदन में उठाई. सुलभाताई ने विभिन्न राज्यों के जीडीपी के आंकडे देते हुए महाराष्ट्र में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की जोरदार मांग की. उन्होंने दावा किया कि पुरानी पेंशन लागू करने से महाराष्ट्र पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पडेगा. उन्होंने कहा कि कर्मचारी की पगार से हर माह 10 प्रतिशत राशि कटौती कर सरकार अपना 14 प्रतिशत हिस्सा मिला दें जिससे पुरानी पेंशन योजना कार्यरत रहने से कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने इस मुद्दे पर कर्मचारियों की हडताल का समर्थन करने का ऐलान किया.

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