भीम कोरेगाव का इतिहास 70 देशों में पहुंचाएगे-एम.एस. बहल
सायन्सकोर में मानवंदना देने के लिए उमडा भीमसागर
पूर्व सैनिकों ने दी बुलेट से मानवंदना
अमरावती/दि.01– कोरेगांव (भीमा) में पेशवा के विरोध में हुए संघर्ष में पांच सौ महार सैनिकों को मिली ऐतिहासिक विजय यह अपनी शक्ति व पराक्रम की विजय है. देश विदेश में अपने समाज बंधु की बडी संख्या रहती है. व उन्हें उनके पूर्वजों के पराक्रम के इतिहास की जानकारी हो इसके लिए भीमा कोरेगांव के पराक्रम का इतिहास इंग्लैड सहित सत्तर देशों में पहुंचाने का दृढ संकल्प इंग्लैंड से आए भीम अनुयायी एम.एस.बहल ने सोमवार को साईसकोर मैदान में आयोजित मानवंदना कार्यक्रम में मंच से किया.
पिछले 12 वर्षो से मैत्री संगठन की ओर से भीमा कोरेगांव विजय स्तंभ प्रतिकृती मानवंदना आयोजन समिती के संयुक्त तत्वधान में साईंसोकर मैदान में शौर्य दिन मनाया जाता है. जिसमें संयुक्त रुप से मैदान में भीमा कोरेगांव विजय स्तंभ मानवंदना दी जाती है. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में अनुयायी उपस्थित रहती है. व्दिशतकीय भीमा कोरेगांव विजय स्तंभ प्रतिकृती को मानवंदना देने के लिए सोमवार की शाम स्थानीय साईंसकोर मैदान में हजारों की संख्या में निला जनसागर उमड कर आया. शाम को मान्यवरों की उपस्थिती में भीमा कोरेगांव विजयस्तंभ प्रतिकृती को मानवंदना दी गई. बुध्द शरणं गच्छामी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जय ऐसे गगनभेदी नारों से आसमान को गुंजयमान किया गया. मैत्री संघ व भीमा कोरेगोंव विजय स्तंभ प्रतिकृती मानवंदना आयोजन समिती के संयुक्त रुप से 1 से 3 जनवरी के बीच सोमवार को पहले दिन के कार्यक्रम की शुरूआत की गई. कार्यक्रम के प्रारंभ में सामूहिक बुध्दवंदना होने के पश्चात भीमा कोरेगांव विजयस्तभ प्रतिकृती को समता सैनिक दल, पूर्व सैनिक, भीमसैनिक ने मानवंदना दी. इस समय मंच पर कमलताई गवई, डॉ.राजेंद्र गवई, अनिल भटकर, सुखचंद राम, गंगाधर राऊत, अरुण आठवले, मंदाकिनी बागडे, बी.आर.धाकडे, अनिल बागडे, शिवा प्रधान रामकृष्ण तायडे, राजेंद्र नितनवरे, वसंतराव गवई, व्ही.एम. वानखडे , समाधान वानखडे, मनोहर तायडे, सिद्धार्थ शेंडे, संतोष केशरवानी, राजू राठी, संजय थोरात, सुभाष मोरे, राहुल मेश्राम आदि मान्यवर उपस्थित थे. डॉ. राजेंद्र गवई ने मानवंदना कार्यक्रम के अयोजन हेतु आयोजक कैलाश मोरे का अभिनंदन कर सपत्नीक सत्कार किया. उपविभागीय अधिकारी अनिल भटकर ने कहा कि शक्ति व बुधअदी का आपना इतिहास व वर्तमान है. जिसके कारण हर किसी ने इन दोनो ही बातों को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. मानवंदना कार्यक्रम के बाद सप्तखंजेरी वादक तुषार सुर्यवंशी, पवन दवंडे, अशोक निकाळजे व कुणाल वैराले का समाज प्रबोधन कार्यक्रम संपन्न हुआ.
बेलोरा में बनेगा स्थाई विजय स्तंभ
शहर में 12 वर्षो से विजय स्तंभ मानवंदना कार्यक्रम बहुत ही शानदार तरीके से आयोजित किया जा रहा है. जिसके चलते बेलोरा विमानतल के पास अडगांव खुर्द में धम्मशांति विपश्यना मेडिटेशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है. इस स्थान पर स्थाई तौर पर विजयस्तंभ का निर्माण किए जाने की जानकारी इस समय आयोजकों व्दारा दी गई.