विद्यापीठ की ऊंचाई कायम रखने का प्रयास करेंगे : डॉ. विलास भाले
विद्यापीठ व्दारा बिदार्ई समारोह में कुलगुरु डॉ. चांदेकर, प्र-कुलगुरु प्रा. राजेश जयपुरकर का सत्कार
अमरावती/दि.3 – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के पूर्व कुलगुरु डॉ. मुरलीधर चांदेकर व पूर्व प्र-कुलगुरु डॉ. राजेश जयपुरकर का बिदाई समारोह हुआ. इस समय अध्यक्ष के रुप में प्रभारी कुलगुरु डॉ. विलास भाले उपस्थित थे. कार्यक्रम अवसर पर प्रभारी कुलगुरु डॉ. विलास भाले ने विद्यापीठ की तरफ से पूर्व कुलगुरु डॉ. मुरलीधर चांदेकर व पूर्व प्र-कुलगुरु डॉ. राजेश जयपुरकर का शॉल, श्रीफल, सम्मानचिन्ह व पुस्तक देकर सत्कार किया.
सत्कार अवसर पर बोलते समय पूर्व कुलगुरु डॉ. चांदेकर ने कहा कि जिस समय मैंने पदभार संभाला उस समय जाने का दिन निश्चित था. मैंने कुलगुरु के रुप में विद्यार्थी केंद्रीत विद्यापीठ करने का लगातार प्रयास किया. विद्यार्थी हित में अनेक योजना सक्षम रुप से चलायी. इतना ही नहीं तो विद्यार्थियों की विविध मांग पूरी करने का प्रयास किया. कुलगुरु पद के कार्यकाल में किये गये कार्यों के कारण समाधान मिलने की भावना डॉ. चांदेकर ने व्यक्त की.
प्र-कुलगुरु डॉ. राजेश जयपुरकर ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि कुलगुरु डॉ. मुरलीधर चांदेकर ने प्र-कुलगुरु पद पर काम करने का अवसर दिया. विश्वास दिखाया. इस कारण शैक्षणिक व प्रशासकीय विकास के काम कर सका. कुलगुरु व्दारा स्वतंत्रता दिये जाने के कारण अनेक काम मैं कर सका. अध्यक्षीय भाषण में प्रभारी कुलगुरु डॉ. विलास भाले ने हा कि संत गाडगे बाबा के नाम से प्रसिध्द अमरावती विद्यापीठ नामांकित है. डॉ. चांदेकर के कार्यों को आगे ले जाने का संकल्प लेने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर इस विद्यापीठ की ऊंचाई कायम रखने का प्रयास करने की बात उन्होंने कही. प्रास्ताविक व स्वागत पर भाषण कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख ने किया.
इस अवसर पर विद्यापीठ ऑफीस फोरम व्दारा अध्यक्ष शशिकांत रोडे, पिछड़ावर्गीय कर्मचारी संघ की ओर से अध्यक्ष डॉ. नितिन कोली, विद्यापीठ कर्मचारी संघ व्दारा अध्यक्ष अजय देशमुख, विद्यापीठ शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. संजय डुडुल, संवैधानिक अधिकारी की ओर से परक्षा व मूल्यमापन मंडल के संचालक डॉ. हेमंत देशमुख ने अपने विचार व्यक्त किये. संचालन जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर ने व आभार प्रदर्शन उप कुलसचिव प्रवीण राठोड ने किया.