* फडणवीस 6 जिलों के ‘पालक’
अमरावती/दि.11 – उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विदर्भ के 6 जिलों अमरावती, अकोला, भंडारा, वर्धा, गडचिरोली और नागपुर का पालकमंत्री का पद ग्रहण किया है. विपक्ष ने उन्हें स्पाईडरमैन है क्या, ऐसे सवाल से घेरने की कोशिश की थी. फडणवीस ने 4 दिनों में 6 जिलों की जिला नियोजन समिति अर्थात डीपीसी की बैठकें लेकर विकास कामों पर जोर देकर तगडा उत्तर दिया था. इससे भी आगे माना जा रहा हैं कि, 6 जिलों की 18 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को परचम लहराना है. इसलिए खास रणनीति के तहत काम जारी है. इन 18 क्षेत्रों में से 7 अकेले अमरावती जिले के है, जहां भरपूर विकास फंड देकर कामों को जल्द से जल्द अमल में लाने की सत्तारुढ गठजोड की कोशिश है. जानकार इसे बीजेपी की माईक्रोप्लानिंग का हिस्सा मान रहे है.
* मैजिक फिगर तक पहुंचना
भाजपा को सत्ता के जादूई आंकडें तक पहुंचने के लिए विदर्भ में अधिकाधिक सीटें जीतनी होगी. वैसे तो विदर्भ में 62 क्षेत्र है. मगर फडणवीस ने 6 जिलों का पालकत्व स्वीकार किया है. इन जिलों में 35 स्थान है. भाजपा के पास केवल 17 सीटें है. 18 सीटों पर उसे बेहतर प्रदर्शन कर चुनाव जीतना है. इसीलिए जोरदार 24 के चुनाव को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई गई और उस हिसाब से कदम उठाये जा रहे है. अमरावती जिले में भाजपा ने केवल धामणगांव रेल्वे क्षेत्र में सफलता पाई थी. अन्य 7 स्थानों पर कांग्रेस या अपक्ष चुनकर आये है. इसमें भी केवल बडनेरा के विधायक रवि राणा बीजेपी के खासकर फडणवीस के साथ हैं.
* वित्त मंत्रालय का जिम्मा
फडणवीस के पास वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है. 18 निर्वाचन क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं और विकास प्रकल्पों के लिए भरपूर फंड उपलब्ध करवाने और प्रस्तावित उम्मीदवार को ताकत देने की योजना पर काम हो रहा है. जिला नियोजन समिति के माध्यम से इन निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकाधिक फंड उपलब्ध करवाया जा रहा. ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगर परिषद तक भाजपा नेताओं के माध्यम से विकास प्रस्ताव पेश किये जा रहे है. इन प्रस्तावों को अगले चरण में मंजूरी की संभावना हैं.
* 6 जिलों में भाजपा की स्थिति
जिला कुल भाजपा अन्य
अमरावती 8 1 7
अकोला 5 4 1
गडचिरोली 3 2 1
भंडारा 3 0 3
वर्धा 4 3 1
नागपुर 12 7 5