स्टोन क्रशर पर अब राजस्व के साथ ही उद्योग विभाग की नजर
सरकारी निर्णय पहुंचा, वाहनों पर जीपीएस प्रणाली आवश्यक
ऑनलाइन मिलेगा लाईसेंस
अमरावती/दि.10 – स्टोन व गिट्टी क्रशर धारकों को अब राजस्व विभाग के साथ ही उद्योग विभाग से भी आवश्यक अनुमति लेनी होगी. अन्यथा वे क्रशर नहीं चला सकेंगे, ऐसा निर्णय राजस्व एवं वनविभाग द्बारा कल 9 मई को जारी किया गया. जिसके चलते गौण खनिज की अनधिकृत खुदाई व ढुलाई करने वाले लोगों पर अब नियंत्रण रखा जाएगा.
राज्य सरकार ने गौण खनिज उत्खनन (विकास व विनियमन) नियम 2023 के तहत स्टोन क्रशर व गिट्टी क्रशर धारकों के लिए व्यावसायिक परवाना लेना अनिवार्य किया है. गौण खनिज की ढुलाई करने वाले वाहनों के साथ ही यह लाईसेंस रखना पडता है. साथ ही इन वाहनों पर जीपीएस प्रणाली भी लगानी पडती है. जीपीएस प्रणाली नहीं रहने वाले वाहनों को नियमबाह्य माने जाने का प्रावधान है. इसके साथ ही स्टोन क्रशर से वाहनों के जरिए गौण खनिज को बाहर ले जाने के लिए रॉयल्टी अदा करना अनिवार्य है. साथ ही इस गौण खनिज को किसी जगह अथवा गोदाम में स्टॉक करने के लिए भी व्यावसायिक अनुमति लेना अनिवार्य होता है.
* पत्थरों के परिमाण की होगी जांच
स्टोन व गिट्टी क्रशर से निकलने वाले पत्थरों के परिमाण की प्रयोगशाला में जांच की जाएगी. गिट्टी क्रशर यूनिट के लिए उद्योग विभाग के अंतर्गत क्षेत्रिय कार्यालय से अनुमति दी जाएगी. अब तक ुेऐसे क्रशर का पंजीयन राजस्व विभाग के पास हुआ करता था. जहां पर प्रयोग में लाए गए पत्थरों के परिमाण की जांच करना संभव नहीं हुआ करता था. लेकिन अब अवैध उत्खनन व ढुलाई पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा. इस नये निर्णय के चलते स्टोन क्रशर धारकों में अच्छा खासा हडकंप व्याप्त है. क्योंकि उन्हें भविष्य में नियमों का पालन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड सकता है.
क्रशर धारकों के लिए पहले ही व्यावसायिक लाईसेंस लागू किया गया है और करीब 60 स्टोन क्रशर को व्यावसायिक लाईसेंस दिया जा चुका है. इसके साथ ही अब गौण खनिज वाहनों के लिए जीपीएस अनिवार्य रहेगा.
– इमरान शेख,
जिला खनिकर्म अधिकारी