नई शिक्षा नीति से विद्यार्थी ले सकेंगे अपनी मनपसंद शिक्षा
डॉ. ए. बी. मराठे का प्रतिपादन
अमरावती /दि. 2– भारतीय परंपरा, संस्कृति, कौशल्य की शिक्षा विद्यार्थियों को मिले और उन्हें अपनी पसंद का विषय चुनने का अवसर मिले, इस उद्देश्य को लेकर नई शिक्षा नीति तैयार की गई है. इस नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को अपनी मनपसंद शिक्षा लेने का अवसर प्राप्त होगा, ऐसा प्रतिपादन डॉ. ए. बी. मराठे ने व्यक्त किया. वे संगाबा विद्यापीठ के आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग की ओर से ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 स्कूल कनेक्ट’ इस विषय पर आयोजित व्याख्यान में बोल रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग संचालक डॉ. श्रीकांत पाटिल ने की.
डॉ. मराठे ने आगे कहा कि, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मार्गदर्शक तत्वानुसार विद्यार्थियों की रुची को महत्व दिया गया है. जिसमें विद्यार्थी बहुविद्या शाखीय अभ्यासक्रम पूर्ण कर सकेंगे. अपनी पसंद के अनुसार किसी भी शाखा के अभ्यासक्रम में विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे. ‘मल्टीपल एंट्री व मल्टीपल एक्झीट’ यह फिचर विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगा. विद्यार्थियों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार क्रेडीट सिस्टीम, लर्निंग हवर्स, असेसमेंट, अचिवमेंट के साथ शिक्षा प्रणाली में रहनेवाले महत्व के प्रावधानों का वर्णन डॉ. मराठे ने किया.
डॉ. श्रीकांत पाटिल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रत्येक महाविद्यालय के शिक्षकों को यह संकल्पना स्पष्ट करना आवश्यक है. विद्यार्थियों को इस नई शैक्षणिक प्रणाली नुसार अभ्यास करना होगा. शिक्षा के माध्यम से उन्हें इस नई नीति की उपयुक्तता ध्यान में आएगी. इसका उद्देश्य अतिथि व्याख्यान का आयोजन करना था. इस व्याख्यान के माध्यम से विद्यार्थियों को एन.ई.पी.-2020 के संदर्भ में संकल्पना स्पष्ट होगी और इस प्रणाली द्वारा बहुविद्या शाखीय अभ्यासक्रम भी पूर्ण हो सकेगा. आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग द्वारा हमेशा इस तरह के व्याख्यान के माध्यम से मार्गदर्शन किया जाता है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति विषय को लेकर मार्गदर्शन की भूमिका विद्यार्थियों के लिए लाभदायी होगी, ऐसा विश्वास डॉ. श्रीकांत पाटिल ने व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन प्रा. आदित्य पुंड ने किया तथा आभार प्रा. अर्चना ढोरे ने माना. कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक उपस्थित थे.