भक्ति की शक्ति से भगवान भी बन जाते है भक्तों के सेवक
नानीबाई का मायरा में रामप्रियाश्रीजी का कथन
चांदूर बाजार/दि.15– स्थानीय राजस्थानी महिला मंडल द्वारा भक्तिधाम सभागार में आयोजित तीन दिवसीय नानीबाई का मायरा की धार्मिक कथा में कथावाचक रामप्रियाश्रीजी ने भक्ति की शक्ति का विलोभनीय प्रसंग प्रतिपादित कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस समय सुश्री रामप्रियाश्रीजी ने कहा कि, राजस्थानी समाज में बेटी के विवाह के समय मायरा यानि भात भरने की प्रथा काफी पहले से चली आ रही है. भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त नरसी मेहता को उनकी बेटी का मायरा भरने से वंचित रहना पडे, इस हेतु बेटी के ससुरालवालों ने मायरा में दिए जाने वाले साहित्य की लंबी-चौडी सूची भेजी थी और जब उक्त साहित्य देने मेें नरसी मेहता असक्षम रहे, तो बेटी के ससुरालवालों द्वारा नरसी मेहता को अपमानित किया गया. इस समय नरसी मेहता ने अपने आराध्य भगवान श्रीकृष्ण को याद किया और अपने परम भक्त के आवाहन पर भगवान श्रीकृष्ण खुद नरसी मेहता की सहायता हेतु तत्पर हुए. जिसके तहत भगवान श्रीकृष्ण सैकडों घोडे व हाथी पर मायरा में दिए जाने वाले साहित्य को लेकर उपस्थित हुए औ उन्होंने नरसी मेहता की बेटी की ससुराल पर पूरे 12 घंटे तक स्वर्णवर्षा की. यह देखकर नरसी मेहता की बेटी नानीबाई के ससुराल वालों ने भगवान श्रीकृष्ण से उनका परिचय पूछा, तो भगवान ने कहा कि, वे नरसी मेहता के सेवक है और जब भी नरसी मेहता उन्हें बुलाते है, तो उन्हें आना ही पडता है. साथ ही नरसी मेहता द्वारा बताए गए प्रत्येक काम उन्हं करने ही पडते है. यह इस बात का उदाहरण है कि, यदि भक्ति में शक्ति है, तो भगवान भी अपने भक्तों का सेवक बन जाता है.
राजस्थानी महिला मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में समूचे जिले भर से भाविक श्रद्धालु उपस्थित हुए थे. इस आयोजन की सफलता के लिए राजस्थानी महिला मंडल की अध्यक्षा नीला सारडा, सचिव स्नेहल कोठारी, कोषाध्यक्ष शिल्पा हरकुट सहित पुष्पा मुंधडा, स्वाति भट्टड, संगीता मुंधडा, पुनम तापडिया, माया भट्टड, संगीता चांडक, माधुरी तातेड, मनीषा भूतडा, मनीषा नागलिया, चंचल दवे, ज्योति बिहुरे, ललीता हरकुट, पुजा शर्मा, सविता नांगलिया, माया पालीवाल, कविता राठी, शीतल वर्मा, प्रियंका कटारिया, संध्या गांधी व अपेक्ष चांडक सहित राजस्थानी महिला मंडल की सभी पदाधिकारियों व सदस्यों ने महत प्रयास किए.