अमरावती

अनलॉक के साथ ही शहर में बढी पुलिस की मुस्तैदी

मुख्य चौराहों व संवेदनशील इलाकों पर कडी नजर

  • अपराधियों पर शिकंजा कसने सीपी डॉ. आरती सिंह की पहल

अमरावती/दि.9 – विगत करीब सवा वर्ष से अमरावती शहर कोविड संक्रमण की वजह से लगाये गये लॉकडाउन के चलते पूरी तरह से सुनसान पडा हुआ था और अपराधिक वारदातों में काफी हद तक कमी आयी थी, क्योंकि लॉकडाउन काल के दौरान हर ओर कानून व व्यवस्था की स्थिति को बनाये रखने हेतु पुलिस का कडा बंदोबस्त था. साथ ही चूंकि हर कोई अधिकांश समय अपने-अपने घरों में ही रहने के लिए मजबूर था. अत: अपराधी तत्वों के पास चोरी व झपटमारी जैसी वारदाते लगभग बंद ही थी. किंतु गत वर्ष जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई, वैसे ही अपराधिक घटनाओं की वारदातों में वृध्दी होनी शुरू हो गई तथा अपराधिक वारदातों का सिलसिला अब चोरी व सेंधमारी की घटनाओं से आगे बढते हुए लूटपाट, मारपीट व हत्या की वारदातों तक जा पहुंचा है. साथ ही शहर के कई इलाकोें में अब एक बार फिर कई तरह के अवैध व्यवसाय भी फलने-फुलने लगे है. इस बात के मद्देनजर सोमवार 7 जून से शुरू हुई अनलॉक की प्रक्रिया के तहत अब शहर पुलिस द्वारा अपनी मुस्तैदी को बढा दिया गया है और पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने पुलिस महकमे को शहर के सभी मुख्य चौराहों और संवेदनशिल इलाकों पर कडी नजर रखने के निर्देश देने के साथ ही अपराधिक व असामाजिक तत्वों की नकेल कसनी शुरू कर दी है.
उल्लेखनीय है कि, शहर में लॉकडाउन के तहत कई प्रतिबंधों को शिथिल किये जाने और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू किये जाने की वजह से शहर में अब भीडभाड बढने लगी है. ऐसे में शहर को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने लॉकडाउन काल के दौरान शहर में लगाया गया बंदोबस्त खत्म करने की बजाय उसे और अधिक कडा कर दिया है. जिसके तहत शहर के चप्पे-चप्पे पर अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान भी पुलिस तैनात है, ताकि हर छोटी-बडी घटनाओं पर नजर रखने के साथ-साथ अपराधिक तत्वों की भी चौकशी की जा सके.

सुबह से ही शुरू हो जाती है पुलिस की गश्त

विगत कुछ दिनों से रोजाना सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकलनेवाले नागरिकों, विशेषकर वृध्द महिलाओं व पुरूषों के साथ चेन स्नेचिंग जैसी वारदाते घटित हो रही है. इस बात के मद्देनजर शहर के सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में सुबह से ही पुलिस पेट्रोलिंग शुरू की जाती है, ताकि ऐसी किसी भी घटना को होने से रोका जाये और यदि इसके बावजूद ऐसी कोई घटना घटित होती है, तो तुरंत ही एक्शन में आकर आरोपियों को दबोचा जा सके. इसके साथ ही शहर में प्रवेश करनेवाले सभी छोटे-बडे वाहनों पर भी नजर रखी जा रही है और संदिग्ध दिखाई देनेवाले लोगों से पूछताछ और जांच-पडताल का सिलसिला शुरू किया जा चुका है.

नंबरी बदमाशों की कुंडली तैयार

शहर के सभी कुख्यात और हिस्ट्रीशिटर अपराधियों की पूरी जानकारी सीपी डॉ. आरती सिंह के पास पहुंच चुकी है और अब उन सभी आरोपियों पर विशेष नजर रखने के साथ ही पुलिस द्वारा लगातार सर्चिंग व कोम्बिंग ऑपरेशन किया जा रहा है. साथ ही जिन पुलिस थाना क्षेत्रोें में सर्वाधिक अपराधिक वारदातें घटित होती है, वहां पुलिस की गश्त बढा दी गई है. जिनमें राजापेठ, गाडगेनगर, फ्रेजरपुरा, नागपुरी गेट व बडनेरा पुलिस थाना क्षेत्रों का समावेश है.

साईबर सेल भी मुस्तैद

इन दिनों अपराधि तत्वों द्वारा सोशल मीडिया का भी बडे पैमाने पर उपयोग किया जाता है. ऐसे में शहर पुलिस आयुक्तालय की साईबर सेल द्वारा अपराधिक तत्वों व उनके फंटरों की सोशल मीडिया पर चलनेवाली गतिविधियों पर कडाई के साथ नजर रखी जा रही है और उनकी हर हरकत व पोस्ट की जानकारी को बाकायदा दर्ज किया जा रहा है.

फिर हो सकता है धारा 399 का प्रयोग

ज्ञात रहें कि, लंबा-चौडा क्राईम रिकॉर्ड रखनेवाले अपराधियों को शहर व जिले से निश्चित अवधि के लिए तडीपार किया जाता है, किंतु बावजूद इसके पाया जाता है कि, कई अपराधी तडीपार रहने के बावजूद चोरी-छिपे तरीके से शहर में ही रहते है और यहां रहते हुए लगातार अपराधिक वारदातों को अंजाम देते है. दस वर्ष पूर्व तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के समय शहर में गुंडागर्दी को खत्म करने के लिए तडीपारी के आदेश पर अमल करने के साथ-साथ एमपीडीए और धारा 399 को प्रयोग में लाया गया था. हालांकि इस धारा का प्रयोग डकैती का प्रयास जैसे अपराध में किया जाता है. जिसके बाद कई अपराधी खुद ही शहर छोडकर फरार हो गये थे. ऐसे में पूरी संभावना है कि, यदि अमरावती शहर में एक बार फिर अपराधी तत्व सिर उठाते है, तो शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह द्वारा उनके खिलाफ धारा 399 का प्रयोग किया जायेगा.

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