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मनपा कर्मचारियों की दीवाली मनेगी वेतन के बिना

जीएसटी अनुदान नहीं आने से उपजी समस्या

अमरावती/दि.30- महानगर पालिका की आय के साधन बेहद मर्यादित है. साथ ही विगत पांच वर्षों के दौरान आय के स्त्रोत बढाने को लेकर भी कोई प्रभावी कदम नहीं उठाये गये. जिससे मनपा की स्थिति काफी डावाडोल है. वहीं अब तक महानगरपालिका को जीएसटी का अनुदान भी नहीं मिला है. ऐसे में मनपा कर्मियों का वेतन अदा करने में भी महानगरपालिका फिलहाल असमर्थ है. जिसका सीधा मतलब है कि इस बार मनपा कर्मचारियों की दीपावली वेतन के बिना ही मनेगी.
बता दें कि, महानगरपालिका में 1 हजार 500 नियमित तथा 700 से 800 ठेका नियुक्त कर्मचारी कार्यरत है. साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या भी करीब 3 हजार के आसपास है. जिनके वेतन व पेन्शन के तौर पर करीब ढाई करोड रूपये अदा करने की जिम्मेदारी महानगरपालिका पर ही है. एलबीटी रद्द हो जाने के चलते मनपा का नियमित आर्थिक स्त्रोत खत्म हो गया है और केवल संपत्ति कर ही मनपा के पास एकमात्र आर्थिक स्त्रोत बचा हुआ है. जिसके जरिये मनपा को प्रतिवर्ष 48 करोड रूपये का राजस्व प्राप्त होता है. किंतु गत वर्ष कोविड संक्रमण के खतरे एवं लॉकडाउन के चलते संपत्ति कर की बेहद अत्यल्प वसुली हुई और इस वर्ष भी हालात में कोई विशेष सुधार नहीं हुए. इस वर्ष अपेक्षा की तुलना में केवल 10 फीसद वसूली ही कर विभाग द्वारा की जा सकी है. वहीं दूसरी ओर मनपा को ठेकेदारों व आपूर्तिकर्ताओं के भुगतान का खर्च भी करना होता है. ऐसे में कर्मचारियों का वेतन अदा करने हेतु पैसा कहां से लाया जाये, यह सबसे बडी समस्या है.
ज्ञात रहें कि, मनपा को प्रतिमाह करीब साढे 9 करोड रूपये का अनुदान जीएसटी रिटर्न के तौर पर मिलता है. जिसके जरिये मनपा द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए वेतन की राशि का प्रावधान किया जाता है. किंतु जारी माह के दौरान मनपा को अब तक जीएसटी का अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में मनपा प्रशासन ने दीपावली पर्व से पहले अपने कर्मचारियों को वेतन अदा करने को लेकर अपनी असमर्थता दिखाई है. जिसका सीधा मतलब है कि, इस बार दीपावली जैसे बडे त्यौहार के समय मनपा कर्मचारियों के हाथ और जेब पूरी तरह से खाली रहेंगे और उन्हें बिना वेतन के दीपावली मनानी पडेगी.
इस संदर्भ में जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने बताया कि, चूंकि फिलहाल तक जीएसटी का अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है और खुद मनपा की आर्थिक स्थिति भी वेतन भूगतान करने लायक नहीं है. ऐसे में अनुदान मिलने के बाद ही कर्मचारियों को वेतन अदा किया जा सकेगा और इस बार वेतन अदा करने में थोडा विलंब भी हो सकता है.

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