अमरावती/दि.14 – मृत्यु होने के बाद भी मनपा व बैंक को इसकी जानकारी न देते हुए मृतक सफाई कर्मचारी की पेंशन लेते रहे. इस धोखाधडी के अपराध में कोतवाली पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले में आरोपी महिला को जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक 3 के न्यायमूर्ति एन.पी.मेहता की अदालत ने बाईज्जत बरी कर दिया.
मनपा के स्वच्छता अधिक्षक अरुण तुकारामजी तिजारे ने सिटी कोतवाली में दी शिकायत के अनुसार प्रेमवारी ढेंनवाल व उनकी पत्नी सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे. उनके पुत्र गणेश प्रेमवारी ढेंनवाल व उसकी पत्नी भी सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे. प्रेमवारी व उसकी पत्नी सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें मनपा कार्यालय की ओर से पेंशन अदा की जाती थी. कुछ समय के बाद प्रेमवारी की मृत्यु के बाद उनकी पेंशन उनकी विधवा पत्नी के बैंक खाते में जमा की जाती थी. 13 अप्रैल 2013 को प्रेमवारी की पत्नी का निधन हो गया. यह जानकारी मनपा में कार्यरत मृत महिला के बेटे गणेश ढेंनवाल व उसकी पत्नी ने नहीं दी और बैंक में भी जानकारी न देते हुए पेंशन का लाभ लिया. दोनों पति पत्नी ने मनापा को झूठ बोलकर धोखाधडी की. इस मामले में फैसला सुनाते हुए अदालात ने सबूत के बिना पर आरोपी महिला को दोषमुक्त करते हुए बाईज्जत बरी कर दिया. आरोपी महिला की ओर से एड.योगेश सोनोने ने दलीले पेश की. उन्हें एड.मनोज कांबले, रुपाली कांबले व प्रगती माहुलकर ने सहयोग किया.