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सिजेरियन करते वक्त महिला के पेट में कपडा छोडा

डफरिन के डॉक्टरों पर कडे कार्रवाई की मांग

* तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो तीव्र आंदोलन-स्वराज्य संगठन
अमरावती/दि.29– जिला स्त्री अस्पताल (डफरिन) में प्रसुती के लिए दाखिल महिला का सिजेरियन करते वक्त डॉक्टरों ने उसके पेट में कपडा छोड दिया. यह मामला तब प्रकाश में आया जब संबंधित महिला के टाके से पस बहता रहा. जिसके बाद उसे पीडीएमसी अस्पताल में भर्ती करने पर वहां के डॉक्टरों ने टाके की जांच कि, तो संबंधित महिला के पेट में नैपकिन रहने का खुलासा हुआ. डॉक्टरों ने फिर से टाके खोलकर महिला के पेट में छूटा कपडा (नैपकिन) बाहर निकाला. जिस पर डफरिन अस्पताल के डॉक्टरों पर सदोश मनुष्यवध का अपराध दर्ज कर संबंधित डॉक्टरों पर तत्काल निलंबित करने की मांग स्वराज्य संगठन ने आज एक पत्रवार्ता को संबोधित कर की.
स्वराज्य संगठन द्बारा बताया गया कि, सविता वाघ नामक महिला 11 मई को डफरिन अस्पताल में भर्ती हुई थी. डॉक्टरों ने उसे सिजेरियन करने की सलाह दी. जिस पर उसका सिजेरियन कर 10 दिनों तक उस पर डफरिन अस्पताल में इलाज के बाद छूट्टी मिली. घर जाने के बाद सिजर के लिए लगाये गये टाकों से पस बहने की समस्या पैदा हुई. जिस पर उसे पीडीएमसी अस्पताल में दिखाया गया. जहां पर डॉक्टर पूर्णचंद ने उस महिला के टाके खोलकर सफाई की, तो उसके पेट में नैपकिन दिखाई दिया. सिजेरियन करते वक्त डॉक्टरों की लापरवाही से यह कपडा महिला की पेट में छूट गया था. यह मामला बेहद गंभीर और मरीजों की जान से खिलवाड है. जिस पर डॉक्टरों के खिलाफ गाडगे नगर पुलिस थाने में शिकायत दी गई है. इस मामले में दोषी डॉक्टरों पर कडे कार्रवाई की मांग स्वराज्य संगठन के अमोल इंगले, दिलीप वाघ, प्रवीण खंडारे, पंकज साहु, अर्जुन इंगोले, गौतम मोहोड, अमोल जोंधले, संदिप तायडे ने की.

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