अमरावती

महिला सहायक वन संरक्षक हाजिर हो…!

सुसाइड नोट वायरल करने का मामला

* विभागीय वन अधिकारी ने थमाई नोटीस
अमरावती/ दि.17 – विगत 10 अप्रैल को खुदा का सुसाइड नोट वायरल करने वाली मेलघाट प्रादेशिक वन विभाग के घटांग में सहायक वनसंरक्षक के रुप में कार्यरत वी. पी. वसव के बयान 18 मई की सुबह 11 बजे दर्ज किये जाएंगे. वनसंरक्षक जी. के. अनारसे के दालान में गठित जांच समिति सुसाइड नोट वायरल करने के पीछे की हकीकत जानेगी. इसके लिए विभागीय वन अधिकारी वी. डी. डेहनकर ने नोटीस थमाया है.
सुसाइड नोट वायरल करने के मामले में वरिष्ठ अधिकारी विवाद के भंवर में फंसे है. वनसंरक्षक अनारसे की अध्यक्षता में वन विभाग के प्रशासकीय अधिकारी मोइन अहमद, सहायक वनसंरक्षक ज्योती पवार, समिति सदस्य, एसीएफ वसव का बयान दर्ज करेंगे, ऐसी जानकारी मिली है. इस वजह से एसीएफ वसव ने सुसाइड नोट वायरल कर किसे टारगेट बनाने का खेल खेला था, इसकी खोज की जाएगी. पांढरकवडा में रोहयो सहायक वनसंरक्षक पद पर वसव 2016 से 2019 के बीच कार्यरत रहते हुए उनके खिलाफ तेंदुपत्ता मामले की विभागीय जांच शुरु है और अब इस मामले में फंस गई.

पहले मैसेज वायरल फिर डिलीट
सहायक वनसंरक्षक वी. पी. वसव ने 10 अप्रैल 2022 को सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल की थी. कुछ ही पल में वह मैसेज वन विभाग के अलग-अलग गु्रप में फैल गया. हकीकत में क्या हुआ है, सहायक वनसंरक्षक जैसी अधिकारी का सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल होने की चर्चा शुरु हो गई. फिर ऐसा क्या हुआ, अगले 5 से 7 मिनट में एसीएफ वसव ने वह मैसेज डिलीट कर दिया. मैंने धोखे से मैसेज पोस्ट किया था, कृपया आप लोग भी उसे डिलीट कर दी, ऐसी विनंती वसव ने की थी.

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