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विद्यापीठ में महिला सक्षमीकरण कार्यशाला
अमरावती/दि.15 – महिलाओं ने सक्षम होने के लिए उद्योजक होना समय की जरुरत है. पिछले 25 वर्षाेंं से 30 हजार घरों की निर्मिति की गई है. बांधकाम क्षेत्र की नविनतापूर्ण कल्पना साकार कर सफलता हासिल करने का प्रतिपादन मुंबई की उद्योजक उज्वला हावरे ने किया है. विद्यापीठ के राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग व्दारा महिला सक्षमीकरण कार्यशाला का ऑनलाइन पध्दति से हाल ही में आयोजन किया गया है. विश्व महिला दिन के उपलक्ष्य में ‘सुंदर मी होनार’ यह आशय इसके लिए रखा गया था.
इस अवसर पर पुणे की सामाजिक कार्यकर्ता निर्मला कांदलगांवकर व रासेयो विभाग के संचालक डॉ.राजेश बुरंगे ऑनलाइन उपस्थित थे. आगे बोलते हुए उज्वला हावरे ने कहा कि स्वयं के कर्तृत्व से सुंदरता निर्माण होती है. समाज में जो आदर्श महिलाएं है, उन्होंने अपने कर्तृत्व से समाज में सुंदरता निर्माण की है. महिलाओं ने उद्योजक के तौर पर आगे आने की आज जरुरत है, उसके लिए लगातार प्रयासरत रहने की बात उन्होंने कही. कचरा व्यवस्थापन से रोजगार निर्मिति यह महिलाओं ेके लिए सुवर्णसंधी रहने की बात निर्मला कांदलगांवकर ने कही. महिला सक्षमीकरण कार्यशाला की व्दितीय सत्र में वह मार्गदर्शन करते हुए बोल रही थी. घनकचरा निर्मिति से लघुउद्योगों की निर्मिति किस प्रकार से हो सकती है, इसपर उन्होेंने प्रकाश डाला. कार्यक्रम का संचालन डॉ.मंदा नांदुरकर ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ.अंजू खेडकर ने माना.
अध्यक्षिय भाषण से व्यक्त किया विश्वास
अध्यक्षिय भाषण से संचालक डॉ.राजेश बुरंगे ने कहा कि उज्वला हावरे ने बांधकाम क्षेत्र में उद्योजक के तौरपर उडान भरी है. महाराष्ट्र में उनका नाम है. पिछले 25 वर्षों में उन्होंने लगभग 30 हजार घरों का निर्माण कार्य बांधकाम व्यवसाय से किया है. इसके अलावा निर्मला कांदलगांवकर ने पर्यावरण रक्षा के लिए लगातार कार्य किया है. घनकचरे से बिजली निर्मिति, गैस निर्मिति के लिए उनका कार्य प्रशंसनीय रहा है. रासेयो विभाग के माध्यम से इस प्रकार के कार्यक्रमों से व उसे मिले हुउ मार्गदर्शन से हमारी छात्राएं निश्चित रुप से आगे आकर कार्य करेगी, इस तरह का विश्वास उन्होंने व्यक्त किया है.