अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

पीडिता के पैरों पर सिर रखकर रोई महिलाएं

रेट्याखेडा में अब माफी की होड

* बहू शामू की प्रशंसा कर रहे सभी
चिखलदरा /दि.23– माय, हमसे गलती हो गयी… माफ कर दे… सन, तेव्हार साथ में मनायेंगा… अब ऐसी गलती नहीं करेंगे… इन शब्दों में महिलाएं और गांव के पुरुष अब रेट्याखेडा की पीडिता के पैरों में गिरकर क्षमा याचना कर रहे हैं. वहीं महिलाएं पीडिता की बहू शामू शेलूकर को गले लगाकर फफक-फफक कर रो पडी. गत 30 दिसंबर को पीडिता को गांव से बाहर करते समय पूरा गांव पुलिस पाटिल की कथित दहशत में खामोश था. अनेक को मन ही मन गुस्सा जा रहा था. जो हुआ, अच्छा नहीं हुआ की सोच सभी की थी.
मंगलवार को ग्राम सभा के बाद सभी सीधे शेलूकर परिवार के पास पहुंचे. उनके पैरों में गिरकर माफी मांगी. पीडिता पर जादूटोना करने का आरोप कर चेहरे पर कालीख मलकर गांव में अपमानजनक जुलूस अर्थात धिंड निकाली थी. उन्हें लोहे के छड से चटके भी दिये गये थे. पीडिता को दिल पर भी इस वाकये से गहरी चोट और सदमा लगा है. मीडिया ने गांव में पहुंचकर यह सब अनुभव किया. मीडिया में घटना उजागर होने के बाद प्रगतीशील कहा जाता महाराष्ट्र हिल उठा.
मंगलवार दोपहर गांव में मरघट जैसी शांति थी. उपरान्त ग्रामसभा की मुनादी हुई. अचानक महिला-पुरुष जमा होना शुरु हुए. सरपंच, ग्रामपंचायत अधिकारी, समुपदेशन के लिए आये महिला व बालविकास विभाग के अधिकारी, पटवारी उपस्थित थे. उन्होंने आदिवासी लोगों को समझाने का प्रयत्न किया. गांव की पूरे राज्य में बदनामी हुई है. इसलिए दोबारा ऐसी कोई घटना न होने की शपथ भी सभी ने ली. उस समय पीडिता अपने पूरे शरीर के घाव देख रही थी.
ग्रामसभा ने पीडिता की बहू शामू राजकुमार शेलूकर की बडी प्रशंसा की. शामू की हिम्मत से गांव में हुआ शर्मनाक वाकया उजागर हुआ और शासन-प्रशासन ने उचित कदम उठाये. घटना के जिम्मेदार आरोपियों को बंदी बनाया. इस बीच पीडिता को लोहे की जिन जंजीरों से जकडा गया था, वह मंगलवार को पुलिस को नहीं मिला. पुलिस घटना के दिन जो कपडे पीडिता ने पहने थे, वह लुगडा अपने साथ ले गई. पुलिस ने शेलूकर परिवार से बयान और सबूत देने कहा है.

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