महिलाओं को कारोबार के लिए तीन लाख तक का ब्याज मुक्त कर्ज
जिला उद्योग केंद्र के तहत सरकार की योजना
* महिला सशक्तिकरण को दी जा रही प्राथमिकता
अमरावती/दि.13- महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हों और रोजगार सृजन कर सकें, उद्योग-धंधों में उनकी भागीदारी बढ़े, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम चला रही हैं. जिला उद्योग केंद्र समन्वयक ने बताया कि इसके माध्यम से जिले की कम से कम 600 महिलाओं को उद्योग के लिए ऋण उपलब्ध कराया गया है.शिक्षित बेरोजगार महिलाओं को कम ब्याज दरों पर 10 लाख तक का ऋण मिल रहा है. इसके अलावा महिला सशक्तिकरण के तहत युवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. इस योजना के तहत 3 से 5 लाख तक का ऋण कुछ उद्योगों में 10 लाख तक उपलब्ध कराया जा रहा है. महिलाओं के विभिन्न घरेलू उद्योग जैसे चूड़ी बनाना, ब्यूटी पार्लर, होटल, धागा उत्पादन, नर्सरी, कपड़ा व्यवसाय, डेयरी व्यवसाय, पोल्ट्री व्यवसाय, प्रयोगशाला, खाद्य तेल उत्पादन सहित कई लघु उद्योगों के लिए ऋण प्रदान किया जाता है.
मापदंड के अनुसार महिला अभ्यर्थी शिक्षित बेरोजगार होनी चाहिए. ऐसे केंद्र और राज्य हैं जो महिलाओं को उद्योग के लिए ऋण प्रदान करते हैं. सरकार की कई योजनाएं हैं. इसके द्वारा उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जाता है. इसमें एससी, दिव्यांग मापदंड मेंं महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है. बैंकों द्वारा 18 से 45 वर्ष की आयु के बीच उद्योग के लिए ऋण दिया जाता है. महिला उद्यमियों के लिए कुछ मानदंडों में छूट और प्राथमिकता दी गई. आज कई महिलाएं सरकारी योजनाओं के माध्यम से अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर आत्मनिर्भर बनने का सपना देख रही हैं. महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. हालांकि, पैसों की कमी के कारण अक्सर किसी भी बिजनेस को स्थापित करने में दिक्कतें आती हैं. उन्हें एक कदम पीछे हटना होगा. ऐसी महिलाओं के पंख मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने ये योजनाएं शुरू की हैं.
* क्या करना है?
केंद्र सरकार द्वारा स्टैंड अप इंडिया के तहत एससी, एसटी महिलाओं को 10 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा, रोजगार सृजन गतिविधियों के तहत केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं है.
* कम ब्याज पर 10 लाख तक का लोन
सुशिक्षित बेरोजगार युवतियों को दस लाख रुपए तक कर्ज कम ब्याज दर में उपलब्ध हो रहा है. इसके अलावा महिला सक्षमीकरण के अंतर्गत युवतियों को प्राधान्य दिया जा रहा है. इस योजना में जहां महिलाओं की हिस्सेदारी 40 फीसदी तक लक्षित है, वहीं हकीकत में जिले में 50 फीसदी पर ऋण दिया गया है.
महिलाओं को प्राथमिकता
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन एवं मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत जिले में महिलाओं को लक्ष्य का कम से कम 50 प्रतिशत तक ऋण उपलब्ध कराया गया है तथा विभिन्न योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है.
– गिरीश सांगले, जिला समन्वयक,
जिला उद्योग केन्द्र
* इन बैंकों में करें आवेदन
यदि महिलाएं व्यवसाय करना चाहती हैं तो वे जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से राष्ट्रीयकृत बैंकों, निजी बैंकों में आवेदन कर सकती हैं, इसके अलावा कुछ योजनाओं में महिला आवेदक स्वयं बैंकों में जाकर आवेदन कर सकती हैं.