अमरावतीमहाराष्ट्र

राष्ट्रमाता जिजाऊ का स्वाभिमान और वीरता महिलाओं को अंगीकार करना आवश्यक

विधायक सुलभा खोडके का प्रतिपादन

* विद्यापीठ में राजमाता जिजाऊ मां साहेब जयंती मनाई गई
अमरावती /दि. 14 – राजमाता जिजाऊ न होती तो शिवबा न रहते और स्वराज्य निर्मिती भी नहीं हुई होती. साथ ही वर्तमान के अत्याधुनिक युग में महिलाओं का कार्यक्षेत्र बीच के कार्यकाल की महिलाओं की तरह ही अनदेखा रहा होता. समाज में जिस तरह महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में अभी अग्रेसर हुई है वह हुआ न होता. इस कारण राष्ट्रमाता जिजाऊ का स्वाभिमान और शौर्य महिलाओं को अंगीकार करना समय की आवश्यकता है, ऐसा प्रतिपादन विधायक सुलभाताई खोडके ने किया. वे संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग के जरिए आयोजित राजमाता जिजाऊ मां साहेब की जयंती निमित्त आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी.
कार्यक्रम में विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. अविनाश असनारे, आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग के संचालक डॉ. श्रीकांत पाटिल, प्रमुख वक्ता के रुप में क्षिप्रा मानकर, विद्यापीठ व्यवस्थापन परिषद सदस्य डॉ. मनीषा कोडापे तथा डॉ. विद्याताई शर्मा व बाल शौर्य पुरस्कार प्राप्त करीना थापा उपस्थित थी. इस अवसर पर सुलभाताई खोडके ने कहा कि, अमरावती विद्यापीठ में एमए छत्रपति शिवाजी महाराज विचारधारा व व्यवस्थापन अभ्यासक्रम शुरु कर प्रशंसनीय कदम उठाया है. संपूर्ण महाराष्ट्र में यह विद्यापीठ प्रशंसा के पात्र है. विधायक के नाते कोई भी सहायता इस अभ्यासक्रम के लिए महाराष्ट्र शासन से दिलवाने का आश्वासन भी उन्होंने दिया. अन्य अतिथियों ने भी अपने समयोचित विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर विधायक खोडके को विद्यापीठ की तरफ से ‘जिजाउची लेक’ पुरस्कार प्रदान किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत महाराष्ट्र गीत व विद्यापीठ गीत से हुई. प्रास्ताविक डॉ. मंजूषा बारबुद्धे, संचालन डॉ. अश्विनी टाले ने तथा आभार प्रदर्शन प्रा. वृषाली जवंजाल ने किया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत से हुआ. कार्यक्रम में विद्यापीठ के अधिकारी, प्राध्यापक, कर्मचारी और विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.

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