अमरावतीमहाराष्ट्र

महिलाओं ने नई पीढी को संस्कारित करने की जरूरत

मोतीमाता नारी सम्मेलन में रेणुका देवी का कथन

* धारणी में आयोजन
धारणी/दि.8– देश की नारी अपने परिवार का पालन पोषण और सुसंस्कृत करने सक्षम होने पर भी अब नए आधुनिक दौर में भी महिलाओं ने नए क्रीडा व देश को संस्कारित करने की जरूरत है. यह कार्य वह कर सकती है. मेलघाट के मोतीमाता नारीशक्ति सम्मेलन से यह संभव है, ऐसा प्रतीत हो रहा है, यह बात मायाबाई रेणुका देवी ने कही.

धारणी में आयोजित पांच तहसील के मोतीमाता नारीशक्ति सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर वे बोल रही थी. धारणी के बालाजी मंगलम् में धारणी, चिखलदरा, अंजनगाव सुर्जी, दर्यापुर और अचलपुर तहसील की महिलाओं के लिए नारीशक्ति संमेलन का आयोजन रविवार को किया गया. सम्मेलन में उद्घाटक के रूप में मायाबाई रेणुका देवी उपस्थित थी. तथा मार्गदर्शक के रूप में राष्ट्रसेविका समिति की आरती तिवारी, मीरा कडवे, डॉ.निरुपमा देशपांडे, नीता कीटकरू,डॉ.भारती जावरकर, एड.रिम्मी देशमुख उपस्थित थी. संयोजक रेखा मावसकर व सहसंयोजिका जया खंडारे के मार्गदर्शन में हुए इस सम्मेलन में आदिवासी महिलाएं बडी संख्या में सहभागी हुई. इस अवसर पर हरिगोविंद छात्रावास की स्थापना समय से रसोई बनाने वाली शांताबाई यादव का सत्कार किया गया.

इस अवसर पर बचत गट की नरबंदीताई धांडे ने अपना मनोगत व्यक्त किया. तथा विश्व मांगल्य संगठन की मंजुषा लोले ने प्रचार प्रसार का कार्य किया. उद्घाटन अवसर पर मायाबाई ने उपस्थित आदिवासी महिलाओं को मिलने वाली मातृ संस्कृति का यशोगान किया. सम्मेलन में आदिवासी नृत्य ने रंगत भर दी. दूसरे सत्र में नीता किटकरू और अंतिम सत्र में डॉ. निरुपमा देशपांडे ने संबोधित किया. प्रस्तावना रेखा मावसकर ने रखी. संचालन अपर्णा क्षीरसागर ने किया. आभार जया खंडारे ने माना. सम्मेलन को सफल बनाने रेखा मावसकर, नीलम जोशी, स्मिता नालमवार, क्षमा चौकसे, रेणूका मुले, भाग्यश्री मोकसदार, वर्षा उफाले, कावेरी लटपटे, मनीषा उईके, राधा तारे,संध्या चरजन,दुर्गा बिसंदरे, नीता मेटकर, विजया वाकोडे व अन्य सदस्यों ने प्रयास किए.

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