महिलाओं ने किया धरना आंदोलन स्थगित

अमरावती /दि.5– स्थानीय रामपुरी कैम्प स्थित देशी शराब की दुकान कायम स्वरुपी बंद किये जाने की मांग को लेकर सिद्धार्थ नगर, सिविल लाइन, भीम नगर की महिलाओं ने 14 फरवरी से बेमियाद धरना आंदोलन शुरु किया था. आखिरकार शराब दुकानदार द्वारा शराब की दुकान यहां से हटाने का करारनामा लिखकर दिये जाने पर महिलाओं ने 17 दिनों के बाद अपना धरना आंदोलन अस्थायी तौर पर स्थगित किया.
सिद्धार्थ नगर, सिविल लाइन, भीम नगर व रामपुरी कैम्प परिसर की महिलाओं ने 14 फरवरी से देशी शराब की दुकान कायमस्वरुपी बंद किये जाने की मांग को लेकर बेमियाद धरना आंदोलन शुरु किया था. जिसमें सोमवार 3 मार्च को दुकान मालिक एन. फेरवानी ने महिलाओं को करारनामा लिखकर दिया कि, 3 मार्च 2026 तक एक साल के भीतर शराब की दुकान यहां से स्थलांतरीत कर दी जाएगी. अगर एक साल में दुकान यहां से स्थलांतरीत नहीं की गई, तो 3 मार्च 2026 के बाद वह स्वयं देशी शराब की दुकान बंद कर देंगे. करारनामा लिखकर दिये जाने के पश्चात महिलाओं ने धरना आंदोलन अस्थायी तौर पर स्थगित किया.
आंदोलन में सुमित शेंडे, गणेश शेंडे, निखिल शेंडे, मिलिंद वर्धे, रोशन वरघट, शालू धाकडे, सुशिला वरघट, चंदा इंगले, रेखा बनसोड, चंदा खिराडे, वर्षा तायडे, प्रमिला आठवले, कमला मोहोड, मनोरमा आठवले, जना बादसे, शोभा कोकाटे, शीतल प्रधान, कामिनी देवलेकर, बेबी इंगोले, दुर्गा नीतनवरे, रेखा मोहोड, लता नीतनवरे, रेखा धाकडे, निकिता नीतनवरे, बेबी गुडधे, कांता तायडे, नर्मदा कोकाटे, सुंदरा सावले, धीरज मोहोड, सुमित तायडे, गणेश तायडे, प्रदीप तायडे, भूषण बनसोड, विकास जाधव, आशीष लुल्ला, पी. टी. सोनवने, राजेश मोटवानी, सचिन नाईक, प्रदीप खंडारे, किरण तायडे, संजय खिराडे, किशोर रायबोले, राहुल कोकाटे, प्रकाश पलसपगार, प्रमोद बोदडे, दादाराव देशभ्रतार, राजेश तायडे, निखिल शेंडे, अनिल तायडे, तुषार खिराडे, रोशन वरघट सहित परिसर में नागरिकों ने सभाग लिया था. आंदोलन को विविध राजनीति पार्टीयों, सामाजिक संगठनाओं के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने समर्थन दिया था. आखिरकार महिलाओं द्वारा किये गये आंदोलन की वजह से शराब की दुकान के मालक फेरवानी झूक गये और करारनामा लिखकर दिया.