महाराष्ट्र की महिला संतों ने प्रबोधन की महान परंपरा कायम रखी
व्याख्यान में शिवचरित्र अभ्यासक डॉ. हरिदास आखरे का प्रतिपादन
दर्यापुर/दि.10– दर्यापुर के गीता प्रबोधन मंडल वाचनालय के शारदा उत्सव में में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया था. इस व्याख्यानमाला में महाराष्ट्र की महिला संतों ने प्रबोधन की महान परंपरा कायम रखी, ऐसा प्रतिपादन संत साहित्य व शिवचरित्र अभ्यासक डॉ. हरिदास आखरे ने किया.
डॉ. आखरे ने कहा कि महाराष्ट्र की महिला संत परंपरा महान है. इसमें संत जनाबाई, संत मुक्ताबाई, संत बहिणाबाई, संत कान्होपात्रा, संत निर्मला आदि महिला संत वाणी ने अपने कार्यो से प्रबोधन का कार्य किया. महिलाओं को समाज के मुख्य प्रवाह में लाया. महिलाओें ने घर के बाहर निकलकर वारकरी संप्रदाय की पताका अपने कंधों पर ली. आज भी सिर पर तुलसी वृंदावन लेकन जाने वाली दिंडी की महिलाएं जनाबाई व मुक्ताबाई के कार्यो का प्रतीक है, ऐसा भी उन्होंने कहा. कार्यक्रम की अध्यक्षता एड. अशोक गणोरकर वाचनालय की अध्यक्ष हर्षदाताई देशमुख ने की. इस अवसर पर अपर्णा मोकासदार, सारंगा धर्माधिकारी, छाया नवसालकर, ललिता देशमुख, चित्रा गणोरकर, मेघा धर्माधिकारी, छाया कुलकर्णी, जयश्री पांडे, शुभदा देशमुख, सुजाता देशमुख, चंदा पातुरकर, शोभा लाखे, गजानन सरदार व गीता प्रबोधन मंडल के सभी पदधिकारी, कर्मचारी, परिसर के नागरिक और छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित थी.