अमरावती

महिलाएं माता रमाई की त्याग की भूमिका लें

मधुकरराव अभ्यंकर का प्रतिपादन

* त्यागमूर्ति रमाई जयंती व भीम महोत्सव धूमधाम से संपन्न
अमरावती/दि.8- महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के जीवन में त्यामूर्ति माता रमाई की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. रमाई ने अपना जीवन बाबासाहब के कार्यो के प्रति समर्पित किया न होता तो, बाबासाहब को शून्य से विश्व का निर्माण करते नहीें आ सकता था, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता. इस कारण महिलाओं ने माता रमाई के त्याग की भूमिका लेकर कार्यरत रहना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन समाजभूषण मधुकरराव अभ्यंकर ने किया.
त्यागमूर्ति माता रमाई जयंती व भीम महोत्सव का आयोजन मंगलवार 7 फरवरी को स्थानीय सायंकोर मैदान पर किया गया था. स्वागताध्यक्ष समाजभूषण मधुकरराव अभ्यंकर थे तथा प्रमुख अतिथि के रुप मे भदंत नागसेन, भदंत डॉ. धम्मबोधी, भदंत गौतमो, भदंत प्रज्ञाबोधी, संधरत्न, भदंत शीलरत्न, बौद्धाचार्य रामेश्वर गावंडे, पूर्व पालकमंत्री विधायक प्रवीण पोटे, पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, वसंतराव गवई, समाजभूषण रामेश्वर अभ्यंकर, उत्तमराव भैसने, कोतवालों के नेता उत्तमराव गवई, रिपाई नेता विनोद भालेराव, एकता रैली के संयोजक राजू नन्नावरे, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर संघर्ष समिति के संयोजक समाधान वानखडे, उद्योजक नितिन कदम, राहुल मेश्राम, सरपंच मीना नायर, डॉ. राजीव जामठे, रिपाई आठवले गुट के युवक आघाडी जिलाध्यक्ष सुनील रामटेके, गणेश गायकवाड, भाजपा के मनोज बारसे, प्रकाश डोफे, लता देशमुख, मोनिका उमक, सुरेखा लुंगारे, बार्टी की समतादूत अनीता राउत, महिला मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष अशोक खरात, रिपाई के वरिष्ठ नेता महेंद्र भालेकर, संजय महाजन, फांसे पारधी समाज की महिला नेता निकिता पवार, भाजपा अध्यात्मिक आघाडी की अध्यक्षा मीना पाठक, युवा उद्योजक कमलेश दंडाले, महाराष्ट्र राज्य मराठी पत्रकार संघ के विभागी अध्यक्ष नयन मुंडे समेत अन्य मान्यवर माता रमाई विचारमंच पर उपस्थित थे.
मधुकर अभ्यंकर ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, अमरावती शहर में सभी जाति-धर्म के लोगों को साथ में लेकर रमाई की जयंती बडे उत्साह से मनाने का आयोजकों का कार्य प्रशंसनीय है. इसके पूर्व अतिथियों के हाथो तथागत गौतम बुद्ध, महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, त्यागमूर्ति माता रमाई, छत्रपति शिवाजी महाराज, लोकशाहीर अन्नाभाउ साठे की प्रतिमा का पूजन किया गया. पश्चात बौद्धाचार्य रामेश्वर गावंडे ने सामुहिक पंचशील त्रिशरण कर भीम समारोह की शुरुआत की. समााजिक, शैक्षणिक, वैद्यकीय, क्रीडा सांस्कृतिक, कला, साहित्यिक, पत्रकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले व्यक्तियों का अमरावती देवदूत, युवारत्न नारी गौरव, उद्योग रत्न ऐसे विविध पुरस्कारों से सम्मान किया गया. रमाई जयंती व भीम महोत्सव का प्रास्तावित मुख्य आयोजक संजय आठवले ने किया. संचालन बालकृष्ण खोब्रागडे, विजय गायकवाड ने तथा आभार प्रदर्शन राजेंद्र वाटाणे ने किया. इस महोत्सव में फांसे पारधी समाज की रेणुका पवार नामक छात्रा सहित उसके दल ने एक आदिवासी नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थितों का दिल जीत लिया.

* रमाई व बाबासाहब के विचार आत्मसात करें-पातुरकर
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने देश को सर्वश्रेष्ठ संविधान दिया है. उसी पर देश चल रहा है. उनके पीछे माता रमाई परछाई की तरह खडी थी. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के संघर्ष से सभी को प्रेरणा मिलती है. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के विचार आत्मसात कर उनके विचारों पर चलना पडेगा. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के जीवनसंघर्ष में माता रमाई की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहने का प्रतिपादन भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने किया.

* महामानव के विचारों पर चले-विधायक प्रवीण पोटे
महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सहित त्यागमूर्ति माता रमाई के विचार आचरण में लाने पडेंगे ऐसा प्रतिपादन विधायक प्रवीण पोटे ने किया. शहर में आयोजकों व्दारा भव्य समारोह लेने पर पूर्व पालकमंत्री विधायक प्रवीण पोटे ने आयोजकों की सराहना की.

* संविधान के कारण लोकतंत्र-ज्ञानेश्वर धाने पाटिल
महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का नाम भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में बडे सम्मान से लिया जाता है. उन्होंने संविधान के माध्यम से देश के विविध जाति-धर्म को एकजुट किया. सर्वसमावेशक संविधान देकर देश में लोकतंत्र स्थापित किया. उनके विचार कायमस्वरुप रहेंगे ऐसा प्रतिपादन पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल ने किया.

* बेघरों को अधिकार का घर दूंगा-नितिन कदम
शहर के बेघर नागरिकों को जगह उपलब्ध कर देने के लिए संकल्प बहुउद्देशीय संस्था सामने आई है. बेघर नागरिकों की सुविधा के लिए प्रत्येक मोहल्ले में आवेदन भरने शिविर लगाए जाएंगे. जरुरतमंदों को अधिकार का घर दिया जाएगा. जिनके पास आशियाना नहीं है ऐसे लोगों को इसका लाभ लेने का आवाहन उद्योजक नितिन कदम ने किया.

* रमाई का आदर्श लें-रामेश्वर अभ्यंकर
माता रमाई के त्याग के कारण ही विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की पहचान हुई. उनका त्याग भुला जा नहीं सकता. उनका त्याग आंखों के सामने रखकर समाज को माता रमाई का आदर्श लेने का आवाहन समाजभूषण रामेश्वर अभ्यंकर ने किया.

* सत्कार कर काम की पावती दी-मीना पाठक
त्यागमूर्ति माता रमाई जयंती व भीम महोत्सव आयोजन समिति ने सत्कार कर काम की पावती दी है. किसी भी क्षेत्र में कर्तृत्व से बडा होने के साथ सहयोग से आगे बढा जा सकता है, ऐसा प्रतिपादन भाजपा आध्यात्मिक आघाडी की अध्यक्षा मीना पाठक ने किया.

* राजमाता गोवर्धन ने निभाई माता रमाई की भूमिका
राजामाता गोवर्धन ने माता रमाई का एकांकी नाटक प्रस्तुत कर त्यागमूर्ति माता रमाई की बचपन से लेकर उनके निधन तक घटित अनेक घटनाओं पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर अनेक महिलाएं अपने आंसू नहीं रोक पाई.

* कार्यक्रम में हजारों की भीड
‘माझे भीमाच्या नावांच कुंकू लावल रमान’ नामक गीत का विख्यात गायिका सुषमा देवी व गायक मनोज राजा गोसावी का बुद्ध भीम रमाई गीत ‘एक रात्र निळा पाखंराची’ संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया.
इस अवसर पर संजय आठवले ने धीरज वंजारी का सत्कार किया. कार्यक्रम में नागरिक हजारों की संख्या में उपस्थित थे.

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