महिला बैंक में चल रही तानाशाही, मनमाने ढंग से चल रहा कामकाज
पत्रवार्ता में लगाया गया आरोप
अमरावती/दि.20– हाल ही में अमरावती जिला महिला सहकारी बैंक के चुनावी कार्यक्रम की घोषणा हुई. इसके साथ ही बैंक के मौजूदा संचालक मंडल ने चुनाव को गुपचूप तरीके से करवाने और अपने अलावा किसी अन्य को चुनाव नहीं लडने देने की योजना पर काम करना शुरू किया. जिसके चलते नामांकन भरने के अंतिम दिन बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बचत खाते खोलने व शेयर बढाकर देने के काम में जानबूझकर देरी करनी शुरू की. साथ ही इस काम को करने से मना भी किया. जिसके चलते चुनाव लडने की इच्छूक महिलाओं को काफी मानसिक तकलीफों का सामना करना पडा. साथ ही इस जरिये यह तथ्य भी सामने आया कि, जिला महिला सहकारी बैंक में मनमाने और तानाशाहीपूर्ण तरीके से कामकाज चल रहा है. इस आशय का आरोप यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में महिलाओं के एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा लगाया गया.
इस पत्रवार्ता में चुनाव लडने की इच्छूक महिलाओं की प्रतिनिधि के तौर पर अर्चना सवाई ने बताया कि, जिला महिला सहकारी बैंक का चुनाव लडने की इच्छूक महिला का इस बैंक में खाता रहने, खाते में 10 हजार रूपये का फिक्स डिपॉजीट रहने और संबंधित महिला के पास पांच हजार रूपये के शेयर रहने की जरूरत होती है. ऐसे में बैंक का चुनाव लडने के इच्छुक महिलाएं चुनावी कार्यक्रम घोषित होने के बाद जब बैंक की मुख्य शाखा में खाता खोलते हुए दस हजार रूपये का डिपॉजीट जमा करने और अपने शेयर को पांच हजार रूपये तक बढाने हेतु बैंक में पहुंची, तो वहां के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उन्हें दिनभर बिठाये रखा और जानबूझकर समय लगाते हुए इस काम में देरी की. वहीं खाता खालने व डिपॉजीट जमा करने से मना करते हुए मुख्य शाखा व्यवस्थापक ने शेयर बढाने के लिए संचालक मंडल की अनुमति को जरूरी बताया, जबकि मौजूदा संचालक मंडल का कार्यकाल खत्म हो चुका है. ऐसे में यह अनुमति फिलहाल प्राप्त नहीं हो सकती.
इस पत्रवार्ता में यह आरोप भी लगाया गया कि, जिला महिला बैंक के मौजूदा संचालक अपने अलावा बैंक के चुनाव किसी अन्य महिला प्रत्याशी को लडने ही नहीं देना चाहते, ताकि बैंक में केवल उनकी ही सत्ता चलती रहे. इसके लिए चुनावी आचारसंहिता लागू रहने के बावजूद भी निवर्तमान संचालकों द्वारा बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव डालकर उनसे मनमाना काम करवाया जा रहा है.
इस पत्रकार परिषद में अर्चना सवाई सहित मैथिली पाटील, पद्मजा देशमुख, जयश्री कुकडे, मंदा देशमुख, माया पांडे, चंदा केले, शीला लंगोटे, पुष्पा गावंडे, अरूणा गावंडे, नलीनी मालखेडे, रेश्मा परवीन शेख महबूब, श्वेता रोंघे, शीला सगने, पद्मा फुटाणे, मुक्ता तेलखेडे, वंदना हरणे, शीला पाथरे व रेखा मंगले आदि महिलाएं उपस्थित थी.