महिला बैंक के चुनाव हुए निर्विरोध!
अब नांदगांव खंडे. सीट के दो दावेदारों में से एक ने नामांकन लिया वापिस
* 21 वीं संचालक के भी निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता खुला
*21 में से 20 संचालकों का पहले ही हो चुका था निर्विरोध निर्वाचन
* 11 जुलाई को होगी चुनाव के परिणाम की अधिकृत घोषणा
* 42 में से 20 नामांकन हुए थे खारिज, रेस से बाहर होनेवाले प्रत्याशी गये थे अदालत
* हाईकोर्ट में खारिज नामांकनवाले प्रत्याशियों की अपील भी निरस्त
* अब केवल सुप्रीम कोर्ट जाने का ही पर्याय है उपलब्ध
अमरावती/दि.29– जिले के सहकार क्षेत्र में अच्छा-खासा दबदबा रखनेवाली अमरावती जिला महिला सहकारी बैंक के 21 सदस्यीय संचालक मंडल हेतु होनेवाले चुनाव के लिए कुल 42 प्रत्याशियों के नामांकन प्राप्त हुए थे और नामांकनों व उसके साथ पेश किये गये दस्तावेजों की जांच-पडताल की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत 42 में से 20 नामांकन खारिज कर दिये गये. ऐसे में 21 सीटों के लिए मैदान में अब 22 दावेदार बचे हुए थे. जिनमें नांदगांव खंडेश्वर तहसील से चुनी जानेवाली एक सीट के लिए दो दावेदार मैदान में थे. वहीं शेष 20 प्रत्याशियों का पहले ही लगभग निर्विरोध निर्वाचन हो गया था. वही अब नांदगांव खंडेश्वर तहसील से मैदान में रहनेवाली दो महिला प्रत्याशियों में से लता चवाले नामक महिला प्रत्याशी ने आज नामांकन वापसी के अंतिम दिन अपना नामांकन वापिस ले लिया है. जिसके चलते इस सीट पर नीता उगले का ही एकमात्र नामांकन शेष बचा. ऐसे में महिला बैंक की 21 वीं सीट पर भी निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता खुल गया है. हालांकि इससे पहले जिन 20 महिला प्रत्याशियों के नामांकन अलग-अलग वजहों के चलते चुनाव अधिकारी द्वारा निरस्त किये गये थे, वे सभी प्रत्याशी चुनाव निर्णय अधिकारी के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे. जहां पर हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने चुनाव निर्णय अधिकारी के फैसले को सही मानते हुए रेस से बाहर हुए प्रत्याशियों की अपील को निरस्त कर दिया. ऐसे में महिला सहकारी बैंक में सभी 21 महिला संचालकों का निर्विरोध निर्वाचन होना लगभग तय है. परंतू हाईकोर्ट में अपील खारिज होने के बाद चुनावी मैदान से बाहर हुए प्रत्याशियों के पास अभी भी सुप्रीम कोर्ट में जाने का अवसर मौजूद है. ऐसे में इस चुनाव के नतीजे आगामी 11 जुलाई को अपने पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार मतगणनावाले दिन ही अधिकृत रूप से घोषित किये जायेंगे.
बता दें कि, इससे पहले 15 जून को चुनाव निर्णय अधिकारी द्वारा नामांकन पत्रों की जांच-पडताल के बाद कुल 42 प्राप्त नामांकनों में से 20 नामांकनों को खारिज कर दिया गया था. इसके साथ ही बैंक की पूर्व अध्यक्षा व पैनल प्रमुख विधायक सुलभा खोडके सहित उनके पैनल की कुल 20 महिला प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय हो गया. वहीं नांदगांव खंडेश्वर तहसील क्षेत्र से चुनी जानेवाली एक संचालक के लिए मैदान में दो प्रत्याशी रहने के चलते 10 जुलाई को चुनाव होना तय माना जा रहा था. लेकिन अब नामांकन वापसी के अंतिम दिन दो में से एक महिला प्रत्याशी द्वारा अपना नामांकन वापिस ले लिये जाने के चलते 21 वीं संचालक का निर्वाचन भी निर्विरोध होना तय हो गया है.
जिला महिला सहकारी बैंक में जिन 21 महिला संचालकों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है, उनमें विधायक सुलभा खोडके, मंदाकिनी बागडे, सुचिता काले, संजीवनी देशमुख, नीता मिश्रा, ज्योती धोपटे, अंजली चौधरी, पुष्पा गावंडे, रेशमा सावरकर, मंगला कोहले, अर्चना शिंदे, दर्शना देशमुख, माधुरी ठाकरे, सुधा पाटील, ज्योत्सना कोरपे, हर्षा जगताप, उषा उपाध्याय, दीपाली भेटालू, सोनाली पाटील, प्रीति पाल तथा नांदगांव खंडेश्वर तहसील की नीता उगले का समावेश है.
* 26 वर्षों से सुलभा खोडके संभाल रही महिला बैंक की कमान
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, फिलहाल अमरावती की विधायक रहनेवाली सुलभा खोडके वर्ष 1996 में पहली बार महिला सहकारी बैंक की अध्यक्ष निर्वाचित हुई थी और तब से लेकर अब तक यानी लगातार 26 वर्षों से सुलभा खोडके ही इस बैंक की कमान संभाल रही है. महिला बैंक के इतिहास में यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है. वहीं अब यदि विधायक सुलभा खोडके और उनके पैनल के निर्विरोध निर्वाचन पर सहकार महकमे की अंतिम मूहर लग जाती है, तो अगले कार्यकाल के लिए भी विधायक सुलभा खोडके ही महिला बैंक की अध्यक्ष रहेंगी, यह अभी से तय है.