* अध्यक्षा रूपाली चाकणकर का दावा
* पीडिता कभी भी खटखटा सकती है द्बार
अमरावती/ दि.10-राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा रूपाली चाकणकर ने दावा किया कि आयोग ने नामुमकिन को मुमकिन बनाया है. अब तक विदेशों से 12 युवतियों को छुडाकर लाया है. जहां सारे दरवाजे बंद होते हैं, वहां आयोग के द्बार खुले हैं. न्याय के लिए कोई भी, कभी भी महिला आयोग की दहलीज चढ सकता है. वे बचत भवन मेंं आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी. मंच पर आशा पांडे, जीआर पाटिल, सीपी रेड्डी, मनपा आयुक्त देवीदास पवार, पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल, अपर जिलाधिकारी सूरज वाघमारे, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष जोशी, उपायुक्त म. व बा. वि. उपायुक्त विलास मरसाले, रणजित भोसले, कैलाश घोडके, डॉ. उमेश टेकाले, पुलिस उपायुक्त विक्रम साली, सागर पाटिल विराजमान थे. आयोग अध्यक्षा चाकणकर ने महिलाओं के हित में पूरे प्रदेश में दौरा किया है. उन्होंने बताया कि अमरावती 30 वां शहर है. जहां वे महिलाओं को न्याय दिलाने पहुंची है.
* बदली सूरतेहाल
चाकणकर ने दावा किया कि भले ही हम चांद पर पहुंच गए. किंतु अभी भी अनेक ऐसे क्षेत्र हैं. जहां महिलाओं पर अत्याचार होते हैं. हमारे लोग वहां पहुंच नहीं पाए थे. महिला आयोग ने ऐसे दुर्गम क्षेत्र में भी पहुंचकर पीडिता को न्याय दिलाया है. परिदृश्य बदला है.
* किन्नरों के लिए अस्पताल
उन्होंने बताया कि महिला, युवतियों के साथ ही किन्नरों के अधिकारों के लिए भी आयोग ने पहल की. आवाज उठाई. विशेष अस्पताल की व्यवस्था की. प्रत्येक जिला अस्पताल में किन्नरों के लिए उपचार का प्रबंध किया. रूढीवादी सोच बदलने की आवश्यकता पर चाकणकर ने जोर दिया. उन्होंने कहा कि, युवतियां बिल्कुल न घबराएं. उनके लिए सारी व्यवस्था है. भरोसा सेल है. दामिनी पथक है. उनकी गश्त भी लगातार जारी हैं. कार्यक्रम का संचालन मनीषा फुलाडी ने किया.
100 पंजीयन, 78 शिकायतें
महिला आयोग के पास अपनी बात रखने के लिए 100 से अधिक पंजीयन हुए. 78 शिकायतें प्राप्त हुई थी. 4 पैनल बनाए गये थे. जिसमें 4-4 सदस्य तथा कानूनी सलाहकार रहे. उनमें