अमरावतीमुख्य समाचार

पुरानी पेंशन के लिए तीसरे दिन भी कामबंद

गतिरोध व हडताल बदस्तूर जारी

* विभिन्न सरकारी कार्यालयों के सामने चल रहा प्रदर्शन
* सरकारी कर्मचारी बैठे है ठिया लगाए
* नई पेंशन योजना के जीआर की जलाई गई होली
अमरावती/दि.16 – पुरानी पेंशन योजना सहित अपने विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर विगत मंगलवार 14 मार्च से सरकारी व अर्ध सरकारी कर्मचारियों द्बारा शुरु किया गया कामबंद आंदोलन आज तीसरे दिन भी बदस्तूर जारी रहा. इस हडताल में शामिल सभी कर्मचारी आज भी अपने-अपने कार्यालयों के मुख्य प्रवेश द्बारा पर इकट्ठा हुए जहां पर बैठकर जोरदार नारेबाजी करते हुए उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को लागू किए जाने की मांग की. विगत तीन दिनों से चल रही हडताल की वजह से अमरावती शहर सहित जिले में सभी सरकारी व प्रशासनीक कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुए है. साथ ही इस हडताल का असर स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर भी पडा है.
राज्य कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन के आवाहन पर पुरानी पेंशन योजना की प्रमुख मांग के साथ-साथ विभिन्न कर्मचारी संगठनों की प्रलंबित मांगों के लिए विगत 14 मार्च से राज्यव्यापी हडताल करनी शुरु की गई है. जिसके तहत सभी सरकारी व अर्ध सरकारी कर्मचारी अपने-अपने कार्यालयों के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे है और कामबंद आंदोलन में हिस्सा लेते हुए अपने कार्यालयों के मुख्य प्रवेश द्बार पर ठिया लगाए बैठे है. जिसकी वजह से पूरा प्रशासनीक कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है तथा आज भी सभी सरकारी विभागों व कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा और कोई कामकाज नहीं हुआ. जिसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है. साथ ही यह हडताल जारी रहने की वजह से प्रशासनीक व्यवस्था काफी हद तक प्रभावित होती नजर आ रही है.
बता दें कि, राज्य के सरकारी-अर्ध सरकारी, शिक्षक- शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठना के नेतृत्व में मंगलवार 14 मार्च से शुरू हुई राज्यव्यापी हडताल में भाग लिया है. जिसके तहत जिप, मनपा, नगरपरिषद, शासकीय अनुदानित निजी शाला, महाविद्यालय, वनविभाग, सभी राजस्व विभाग, लोकनिर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, जलसंपदा विभाग, डाक विभाग आदि समेत सभी सरकारी विभाग के कर्मचारी इस हडताल में शामिल हुए है. विगत दो दिनों की तरह आज भी स्थानीय जिलाधीश कार्यालय जिला परिषद मुख्यालय, सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग, विभागीय आयुक्तालय, मुख्य वन संरक्षक कार्यालय, जीएसटी कार्यालय, महानगरपालिका जलसंपदा कार्यालय सहित विभिन्न सरकारी महकमों व कार्यालयों के समक्ष सरकारी व अर्ध सरकारी कर्मचारियों ने अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा.

* जिप के सामने बना तनावपूर्ण माहौल
– रोड ब्लॉक कर बैठे हडताली कर्मियों के वाहन ट्रैफिक पुलिस ने उठाए
स्थानीय जिला परिषद कार्यालय के सामने से होकर गुजरने वाली सडक किनारे आज सुबह जिप के हडताली कर्मचारियों ने अपने वाहन पार्क किए थे. साथ ही मुख्य प्रवेश द्बार के सामने सडक पर ही इन कर्मचारियों का भारी भरकम हुजुम इकट्ठा था. जिसकी वजह से एनसीसी कार्यालय से जिलाधीश कार्यालय की ओर जाने वाली सडक एक ओर से पूरी तरह ब्लॉक हो गई थी. जिसके चलते यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा था. इसकी शिकायत व जानकारी मिलते ही ट्रैफिक पुलिस के दल ने मौके पर पहुंचकरसडक किनारे बेतरतीबी से पार्क किए गए वाहनों को उठाना शुरु कर दिया. जिसकी वजह से जिप मुख्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहे जिप कर्मी संतप्त हो गए और ट्रैफिक पुलिस के साथ बहसबाजी करने लगे. ऐसे में यहां पर कुछ समय के लिए वातावरण तनावपूर्ण हो गया था. हालांकि बाद में ट्रैफिक पुलिस ने जिप कर्मियों को रास्ता पूरी तरह से खाली रखने की ताकीद व समझाइश देते हुए उन्हें उनके वाहन वापिस लौटाए.


* मनपा कर्मियों ने कामबंद आंदोलन किया खत्म
– काले फिते लगाकर अपने काम पर लौटे कर्मचारी
विगत 14 मार्च से चल रहे कामबंद आंदोलन व हडताल में हिस्सा ले रहे मनपा कर्मचारियों ने आ कामबंद आंदोलन और हडताल को खत्म करते हुए अपने-अपने काम पर वापिस लौटने का निर्णय लिया और मनपा के सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कराने हेतु काले फिते लगाकर अपने-अपने काम पर लौट आए. इस संदर्भ में मनपा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष प्रल्हाद कोतवाल ने बताया कि, मनपा कर्मचारी फेडरेशन की राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बेहद सकारात्मक चर्चा हुई है और डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने फेडरेशन को पुरानी पेंशन योजना के संदर्भ में ठोस कदम उठाने का आश्वासन भी दिया है. ऐसे में मनपा कर्मचारियों ने कामबंद आंदोलन को खत्म करते हुए अपने-अपने काम पर लौट आने का निर्णय लिया है. हालांकि पुरानी पेंशन योजना की मांग मंजूर होने तक सभी मनपा कर्मी काते फिते लगाकर काम पर उपस्थित होंगे.
मनपा कर्मचारी संगठन द्बारा लिए गए इस फैसले के चलते आज दोपहर मनपा के सभी कर्मचारी अपने-अपने काम पर लौट आए. जिसके चलते मनपा के विभिन्न विभागों में पहले की तरह चहल-पहल दिखाई देने लगी है.

* काम पर मौजूद रहने वाले शिक्षकों के भरोसे होगी परीक्षा
विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत तीन दिनों से चल रही इस हडताल को कुछ शिक्षक संगठनों का समर्थन प्राप्त है. वहीं कुछ शिक्षक संगठनों ने अपने आप को इस हडताल से अलिप्त रखा है. ऐसे में कई शिक्षक नियमित तरीके से अपने काम पर उपस्थित हो रहे है. ऐेसे में राज्य के शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि, काम पर उपस्थित रहने वाले शिक्षकों के जरिए पढाई-लिखाई सहित सभी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा का नियोजन किया जाए. ज्ञात रहे कि, आगामी 24 मार्च से सभी प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा शुरु होने जा रही है. ऐसे में फिलहाल चल रही हडताल को देखते हुए शिक्षा विभाग द्बारा वार्षिक परीक्षाओं की रुपरेखा तय की जा रही है. जिसके तहत काम पर उपस्थित रहने वाले शिक्षकों की सेवाएं इस काम हेतु लेने का निर्णय लिया गया है.

* कल कलेक्ट्रेट पर ले जाया जाएगा भव्य मोर्चा
वहीं इस बीच पुरानी पेंशन योजना को लेकर विगत तीन दिनों से हडताल कर रहे सरकारी व अर्ध सरकारी कर्मचारियों तथा शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी की समन्वय समिति ने कल शुक्रवार 17 मार्च को नेहरु मैदान से जिलाधीश कार्यालय तक भव्य मोर्चा ले जाए जाने की घोषणा की है. यह मोर्चा सुबह 11 बजे नेहरु मैदान से निकलेगा. जिसके जिलाधीश कार्यालय पर पहुंचने के बाद वहां विशालकाय सभा ली जाएगी. इस मोर्चे व सभा में अलग-अलग 37 संगठनों के 50 हजार से अधिक कर्मचारियों द्बारा हिस्सा लिया जाएगा. ऐसी जानकारी समन्वय समिति द्बारा दी गई है.

* सरकारी जीआर की जलाई होली
वहीं आज जिला परिषद कार्यालय के समक्ष हडताली कर्मचारियों व शिक्षकों द्बारा पुरानी पेंशन योजना को रद्द कर नई पेंशन योजना लागू करने के संदर्भ में जारी किए गए सरकारी जीआर की होली जलाई और सरकारी फैसले व नई पेंशन नीति का निषेध भी किया.

* अब तक किसी को नहीं मिली नोटीस
विशेष उल्लेखनीय है कि, पुरानी पेंशन योजना की मुख्य मांग को लेकर सरकारी व अर्ध सरकारी कर्मचारियों सहित शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्बारा शुरु की गई हडताल को तुरंत खत्म करवाने के लिए राज्य सरकार ने हडताली कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौट आने हेतु कहने के साथ ही ऐसा नहीं करने पर मेस्मा कानून के तहत कार्रवाई की नोटीस देने की चेतावनी दी थी. परंतु इस हडताल व कामबंद आंदोलन को शुरु हुए तीन दिन का समय बीत जाने और इस दौरान पूरी प्रशासनीक व्यवस्था के चरमरा जाने के बावजूद भी अब तक किसी भी हडताली कर्मचारी को सरकार अथवा प्रशासन की ओर से कोई नोटीस नहीं मिली है.

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