उपयुक्त संसाधनों का वितरण व छात्रों का गौरव
अपंग जीवन विकास संस्था, जिला अपंग पुनर्वसन केंद्र, संत गाडगे महाराज विद्यालय व कनिष्ठ विद्यालय का उपक्रम
अमरावती-/ दि.31 विकलांगों के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ काम करने की नसियत जिलाधिकारी पवनीत कौर ने दी. उन्होंने कहा कि, देश के 516 जिला अपंग पुनर्वसन केंद्रों में से मॉडल के रुप में जिला अपंग पुनर्वसन केंद्र का समावेश होना गौरव की बात है. अपंग जीवन विकास संस्था, जिला अपंग पुनर्वसन केंद्र, संत गाडगे महाराज विद्यालय व कनिष्ठ विद्यालय व्दारा संयुक्त रुप से विकलांगों को उपयुक्त संसाधनों का वितरण व गुणगौरव समारोह मंगलवार को स्थानीय बडनेरा रोड, नवाथे स्थित संत गाडगे महाराज विद्यालय में आयोजित किया गया.
कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष के रुप में जिलाधिकारी पवनीत कौर, प्रमुख अतिथि के रुप में पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, जिप समाजकल्याण अधिकारी राजेंद्र जाधव, संस्था अध्यक्ष किशोर बोरकर, प्राचार्य सुभाष गवई, पूर्व कुलगुरु गणेश पाटील, डॉ. बी. आर. देशमुख, डॉ. दिनेश गवली, प्रमुख रुप से उपस्थित थे. अतिथियों के हस्ते विकलांगों को 3 पहिया साइकिल व श्रवण यंत्र वितरित किये गए. मेधावी छात्रों को सम्मान चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में प्रास्ताविक भाषण किशोर बोरकर ने किया. कार्यक्रम का संचालन पूर्व प्राचार्या वसुंधरा चौवरे तथा आभार प्रदर्शन प्रोजेक्ट संचालक आर. एस. कोंडे ने माना. इस समय साची फाउंडेशन के अध्यक्ष जगदीश गोवर्धन, प्रा. अनिल देशमुख, राजा चौधरी, दिनेश खोडके, भैया निचल, आशा अघम, अनिला काझी आदि उपस्थित थे. समारोह को सफल बनाने के लिए प्राध्यापक किशोर बनसोड, प्रमोद दानखेडे, अभिषेक अलकरी, साधना राउत, सविता राठोड, भाग्यश्री रामेकर व अन्य शिक्षकों ने अथक प्रयास किये.
अपना जीवन समर्पित किया
विकलांगों की व्यथा विकलांग ही समझ सकता है. किशोर बोरकर ने अपना संपूर्ण जीवन विकलांगों को समर्पित कर दिया. राज्य का एकमात्र मॉडल जिला अपंग पुनर्वसन केंद्र होने से अब प्रशासन व समाज को भी सहयोग देकर किशोर बोरकर के साथ खडे होने का आह्वान डॉ. सुनील देशमुुख ने किया. अन्य वक्तओं ने भी किशोर बोरकर की खुले रुप में प्रशंसा की.
विकलांगों की नौकरी का अनुशेष दूर करें
विभिन्न सरकारी विभागों में विकलांगों की सेवा भरती बंद है. विकलांग भाईयों की नौकरी का अनुशेष दूर करे, ऐसी मांग इस दौरान किशोर बोरकर ने जिलाधिकारी पवनीत कौर से की. कोरोना काल में सुपर स्पेशालिटी अस्पताल वरदान साबित हुआ. यह डॉ. सुनील देशमुख की दुरदृष्टि का नतीजा रहा, ऐसा भी किशोर बोरकर ने कहा.