पोषण ट्रैकर एप पर मराठी में काम करना हुआ आसान
अंग्रेजी में ऑनलाइन जानकारी भरने का टेंशन हुआ खत्म
* अंगणवाडी सेविकाओं को मराठी से मिली बडी राहत
अमरावती /दि.26– अंगणवाडी केंद्रों में चलने वाले कामकाज की जानकारी को पोषण ट्रैकर एप में दर्ज किया जाता है. साथ ही कुछ दिन पहले पोषण ट्रैकर एप में भाषा को लेकर एक बडा बदलाव किया गया. इससे पहले पोषण ट्रैकर एप में काम करने की भाषा अंग्रेजी हुआ करती थी तथा एप में पूरी जानकारी अंग्रेजी भाषा के जरिए दर्ज करनी पडती थी. ऐसे में कई अंगणवाडी सेविकाओं की पढाई-लिखाई कम रहने के चलते उन्हें अंग्रेजी में जानकारी भरने को लेकर काफी मुश्किलों का सामना करना पडता था. वहीं अब पोषण ट्रैकर एप में बडा बदलाव करते हुए कामकाज की भाषा हेतु मराठी का पर्याय भी उपलब्ध करा दिया गया है. जिसके चलते अंगणवाडी सेविकाओं के लिए पोषण ट्रैकर एप के साथ काम करना काफी आसान हो गया है.
बता दें कि, केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद राज्य में पोषण अभियान पर अमल किया जा रहा है. इस अभियान के तहत रियल टाइम मॉनिटरिंग अंतर्गत प्रत्येक अंगणवाडी सेविकाओं व मुख्य सेविकाओं सहित तांत्रिक मनुष्य बल को वर्ष 2019 में स्मार्ट फोन उपलब्ध करा दिये गये थे. जिले में 2592 अंगणवाडी केंद्र है. जिनकी अंगणवाडी सेविकाओं को दिये गये स्मार्ट फोन वर्ष 2021 में उनके लिए सिरदर्द साबित होने लगे थे. ऐसे में अंगणवाडी सेविकाओं ने अपने-अपने मोबाइल हैंडसेट सरकार के पास जमा कराते हुए खुद को अच्छा मोबाइल देने के साथ ही मराठी भाषा के साथ पोषण ट्रैकर एप उपलब्ध कराये जाने की मांग उठाई थी. लेकिन 3 साल तक यह मामला अधर में लटका रहा और उसके बाद अंगणवाडी सेविकाओं को स्मार्ट फोन मिले, लेकिन उसमें पोषण ट्रैकर एप अंग्रेजी भाषा में था. जिसके चलते अंगणवाडी सेविकाओं को उसमें अपने काम की जानकारी दर्ज करना मुश्किल जाया करता था. ऐसे में उन्हें इसके लिए किसी अन्य की सहायता लेनी पडती थी. जिसका संज्ञान लेते हुए अदालत ने भी सरकार से पोषण ट्रैकर एप मराठी भाषा में उपलब्ध कराने की बात कही थी. जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से पोषण ट्रैकर एप में मराठी भाषा को अपडेट कियाग या है.
* इससे पहले अंग्रेजी में रहने वाले पोषण ट्रैकर एप में अब मराठी भाषा का पर्याय भी उपलब्ध करा दिया गया है. कुछ दिनों पहले तक तकनीकी दिक्कतों के चलते सरकारी एप पर काम करने को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पडता था. इसके अलावा मेलघाट सहित जिले के कई ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क का भी प्राब्लम रहता है, जिसमें सुधार होना आवश्यक है.
– महेश जाधव,
अंगणवाडी व बालवाडी कर्मचारी यूनियन.