अमरावती

भारत-कोलंबिया सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ कार्यशाला का समापन

कोली डांस पर थिरकी कोलंबिया की डियाना

* आमच गांव प्रस्तुति ने जीता पुरस्कार
अमरावती/दि.29-कोलंबिया के यूनेस्को सदस्य एंबेडिंग रिकंसिलिएशन (बोगोटा) संगठन और विश्व स्तर पर भारतीय पारंपरिक खेलों और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले यूनेस्को सदस्य, विश्व प्रसिद्ध श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के बीच सांस्कृतिक समझौते के तहत सांस्कृतिक प्रशिक्षण पर कार्यशाला एक अनूठे तरीके से संपन्न हुई. विशेष रूप से कोली गीतों पर आधारित नृत्य में कार्यशाला के मार्गदर्शक डियाना गुटिरेज ने मराठी वेशभूषा में कोली गीतों पर नृत्य कर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया.
श्री हव्याप्र मंडल के स्व. सोमेश्वर पुसतकर सभागार में आयोजित सांस्कृतिक प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन समारोह में मंडल के प्रमुख सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, मंडल के उपाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत चेंडके, सचिव प्रो. डॉ. माधुरी चेंडके, प्राचार्य, डिग्री कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन डॉ. श्रीनिवास देशपांडे, कोलंबियाई संस्थान की समन्वयक डियाना गुटिरेज, सचिव डॉ. रविंद्र खांडेकर, मंडल के आंतरराष्ट्रीय समन्वयक प्रो. प्रणव चेंडके, दीपा कान्हेगांवकर और अन्य गणमान्य उपस्थित थे. हव्याप्र मंडल और कोलंबिया के यूनेस्को सदस्य एम्बेडिंग रिकंसिलिएशन (बोगोटा) के बीच एक सांस्कृतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. श्री हव्याप्र मंडल के प्रा.प्रणव चेंडके और डायना गुटिरेज के संयुक्त पहल से मंडल में 5 से 26 अगस्त तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया. जिसमें भारत और कोलंबिया की संस्कृति का आदान-प्रदान हुआ. मंच पर उपस्थित प्राचार्य डॉ. देशपांडे और सचिव प्रो. खांडेकर ने मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा, संस्कृति के बिना समाज का निर्माण नहीं हो सकता, संस्कृति मानव समाज और जीवन को ऊंचाई और पहचान देती है. कार्यक्रम दौरान सांस्कृतिक प्रदर्शनी के प्रोत्साहनपर पुरस्कार वितरित किये गये. इस आमच गांव प्रस्तुति को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया. तथा शिवाजी महाराज’ प्रस्तुति के लिए दूसरा पुरस्कार मिला. तीसरा पुरस्कार दुर्गा पूजा को और चौथा व अंतिम पुरस्कार वेडिंग ग्रुप को मिला. कार्यक्रम का संचालन डॉ. आरजू रोडे ने किया. आभार प्रा.प्रणव चेंडके ने माना.

सांस्कृतिक एकता की जरूरत : डियाना
हालांकि, वैश्विक स्तर पर विभिन्न देश, भाषाएं, संस्कृतियां है, फिर भी वे एक दूसरे से बहुत दूर हैं. व्यावहारिक संबंधों को छोड़कर दोनों देशों के समाज को एकजुट करना समय की जरूरत महसूस हो रही है. उस दृष्टिकोण से, दोनों देशों के समुदायों को एकजुट करने के लिए श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल और एंबेडिंग रिकंसिलिएशन (बोगोटा) के बीच सांस्कृतिक समझौता महत्वपूर्ण रहा है. यदि देशों की संस्कृतियां एक होंगी तो विश्व में शांति, प्रेम और भाईचारा अवश्य बनेगा.

सांस्कृतिक एकता के प्रचारक बनें : पद्मश्री वैद्य
विश्व स्तर पर, भारतीय संस्कृति परिपूर्ण और सुंदर है जो जीवन को अर्थ देती है. श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल हमेशा से भारतीय पारंपरिक खेलों और संस्कृति को विश्व स्तर पर बढ़ावा देता रहा है. कोलंबिया और भारत के सांस्कृतिक प्रशिक्षण के माध्यम से मंडल के खिलाड़ियों और छात्रों को उज्ज्वल भविष्य का एहसास होगा. उसके लिए शिक्षा के साथ सांस्कृतिक एकता के प्रचारक बनें, ऐसा आह्वान मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य ने उपस्थित विद्यार्थियों को किया.

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