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सिंगल यूज प्लास्टिक पर हुई व्यापारियों की कार्यशाला

पर्यावरण एवं बाजार परवाना अधिकारियों ने किया मार्गदर्शन

* चेंबर ऑफ कॉमर्स और खाद्यपेय विक्रेता संघ का संयुक्त उपक्रम
अमरावती/दि.26– विगत 1 जुलाई से समूचे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया. ऐसे में व्यापारियों को अपना व्यापार-व्यवसाय करने में अच्छी-खासी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. साथ ही किस तरह के प्लास्टिक का प्रयोग प्रतिबंधित है और कौनसे प्लास्टिक को प्रयोग में लाया जा सकता है, इसे लेकर भी व्यापारियों में अच्छा-खासा संभ्रम है. जिसके चलते कई बार जाने-अनजाने सिंगल यूजवाली श्रेणी में रहनेवाले प्लास्टिक का प्रयोग करने की वजह से व्यापारियों को प्रशासन द्वारा की जानेवाली कार्रवाई का सामना भी करना पडता है. इस बात के मद्देनजर चेंबर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज तथा अमरावती खाद्यपेय विक्रेता संघ के संयुक्त प्रयासों से आज स्थानीय बुटी प्लॉट स्थित लोहाणा महाजन वाडी में शहर के व्यापारियों हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय की डॉ.अर्चना इंगोले के साथ ही मनपा के पर्यावरण अधिकारी महेश देशमुख एवं बाजार परवाना अधीक्षक उदय चव्हाण ने सभी उपस्थित व्यापारियों का मार्गदर्शन किया. साथ ही उन्हें प्लास्टिक के प्रयोग की वजह से होनेवाले प्रदूषण व नुकसान की जानकारी देते हुए उन्हें पर्यावरण संवर्धन के प्रति जागरूक किया.
शहर के ख्यातनाम प्रतिष्ठान ‘रघुवीर’ के संचालक एवं खाद्यपेय विक्रेता संघ के पूर्व अध्यक्ष दिलीपभाई पोपट व चंद्रकांतभाई पोपट की संकल्पना से चेंबर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज तथा अमरावती खाद्यपेय विक्रेता संघ द्वारा लोहाणा महाजन वाडी में आयोजीत इस कार्यशाला में मुख्य अतिथी के तौर पर मनपा के पूर्व सभागृह नेता तुषार भारतीय, एगमार्क एम्पोरियम के संचालक बालकिसन पांडे, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनोद कलंत्री, अमरावती खाद्यपेय विक्रेता संघ के अध्यक्ष रविंद्रसिंह सलुजा, रिटेल किराणा एसोसिएशन के अध्यक्ष आत्माराम पुरसवानी, अमरावती रेस्टॉरेंट एन्ड लॉजिंग के सारंग राउत तथा अमरावती बार एन्ड रेस्टॉरेंट के अध्यक्ष गजानन राजगुरे बतौर प्रमुख अतिथी उपस्थित थे.
इस अवसर पर किराणा, अनाज, तेल, मिठाई व तैयार भोजन सहित दूध व दुग्धजन्य पदार्थों की पार्सल पैकिंग कर विक्री करने में सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध की वजह से हो रही दिक्कतों को सभी संबंधित व्यापारियों द्वारा कार्यशाला में उपस्थित वक्ताओं व व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के सामने विषद की और इस समस्या का यथोचित समाधान भी मांगा. जिसके उपरांत कार्यशाला में उपस्थित प्रमुख मार्गदर्शकों ने प्लास्टिक के अत्याधिक प्रयोग से पर्यावरण को हो रही हानी से संबंधित जानकारी सामने रखते हुए इस प्रतिबंध को बेहद योग्य बताया. साथ ही कहा कि, सरकार ने काफी सोच-विचार करने के बाद यह निर्णय लेकर इसे अमल में लाया है. जिसका सभी ने पालन करना चाहिए. इस समय कई व्यापारियों ने विविध कंपनियों द्वारा 50 माईक्रॉन से कम रहनेवाली प्लास्टिक पन्नियों की पैकिंग को अपने उत्पादों की बिक्री हेतु प्रयोग में लाये जाने और इस पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने की ओर भी ध्यान दिलाया. साथ ही प्लास्टिक प्रतिबंध के नाम पर छोटे व्यापारियों पर हो रही कार्रवाई के संदर्भ में अपनी आपत्ति दर्ज करायी. जिसके बाद प्रमुख वक्ताओं द्वारा व्यापारियों की शंकाओं का योग्य तरीके से निराकरण किया गया.
इस कार्यशाला में राजेश मित्तल, ओमप्रकाश खेमचंदानी, प्रभु आहुजा, दिनेश चौधरी, मनोज विंचुरकर, अक्षय नागपुरे, रणजीत बायस्कर, अंकित उपाध्याय, संजय आचलिया, नितीन राठी, जेठानंद मतलानी, सुरेश वसानी, आबीद हुसैन, हर्ष केशरवानी, अमित मंत्री, देवेश आडतीया, राजू आडतीया, श्रीकांत साहू, कपिल मतानी, अजय खत्री, महेेंद्र आडतीया, संतोष चांडक, उमेश भूतडा, विजय धुवाविया, सचिन जोशी, दिनांत पालीमकर, अनिल खरपे, महेश खासबागे, संजय दौडा, निखिल तिवारी, अशोक शर्मा, जिगर सेठ, शैलेश पोलगावंडे, पंकज सावरकर, जयेश चौधरी, अजय बजाज, प्रदीप झंवर, बालासाहब भोंडे, देवेश राजा आदि सहित अनेकों व्यापारी प्रतिनिधी उपस्थित थे.

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