अमरावती

विश्व रक्तचाप दिवस

युवाओं में बढ़ रहा ब्लडप्रेशर का खतरा

मानसिक तनाव और बदली जीवनशैली जिम्मेदार
नागपुर/दि.17- पहले उम्र के 60 वर्ष पर रक्तचाप की शिकायत रहती थी. किन्तु हाल के वर्षों में युवकों में भी रक्तचाप ऊपर-नीचे रहने की शिकायत बढ़ रही है. इसके लिए बदलती जीवनशैली और मानसिक तनाव जिम्मेदार रहने की बात कही जा रही है. कुछ वर्ष पहले हुए सर्वेक्षण के अनुसार भारत में प्रत्येक आठ लोगों में एक व्यक्ति ब्लडप्रेशर की शिकायत से पीड़ित है. विशेषज्ञ चिकित्सक इसके कारण भी बताते हैं. उनके अनुसार व्यायाम का अभाव, तंबाखू, धूम्रपान का व्यसन और फास्टफूड के अत्यधिक सेवन से भी कम आयु में रक्तचाप सहित बीमारियां बढ़ रही है.
* साइलेंट कीलर
रक्तचाप की बीमारी को साइलेंट कीलर भी कहते हैं. इसके लक्षण कई बार ध्यान में नहीं आते. हर वर्ष 17 मई को उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है. पहली बार 2014 में 14 मई को उच्च रक्तचाप दिवस मनाया गया. किन्तु 2016 में यह तिथि 17 मई कर दी गई. इस बीमारी में धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है. जिससे हृदय को रक्त प्रवाह सामान्य रखने में अधिक तकलीफ होती है.
* क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
प्रसिद्ध डॉ. अमेय बिडकर ने कहा कि रक्तचाप अर्थात ब्लडप्रेशर के कारण हृदयविकार, किडनी विकार, मस्तिष्क में रक्तस्त्राव, आंखों के रेटिना को हानि आदि हो सकती है. अन्य अवयवों पर भी इसका परिणाम होता है. इसलिए नियमित रक्तचाप की जांच आवश्यक है. जमीन पर अमृत नहीं है, पर चलना यह जमीन का अमृत है. नियमित चलने से ब्लडप्रेशर कंट्रोल में रहता है.

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