विश्व फार्मासिस्ट दिन
अमरावती/25- हर साल 25 सितंबर को ‘ विश्व फार्मासिस्ट दिन के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष का नारा है ‘फार्मासिस्ट स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करें’ और इसी नारे के अनुरूप फार्मसी के क्षेत्र में हमारे साथी फार्मासिस्ट भाई-बहन दिन-रात काम कर रहे हैं. लोगों का स्वास्थ्य और उन्हें स्वस्थ रखने मे अपना कर्तव्य निभा रहे है. इसीलिए ‘फार्मासिस्ट’को स्वास्थ्य की रीढ़ कहा जाता है. बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ नई-नई बीमारियाँ, महामारी की बीमारियाँ, बीपी,शुगर, हार्टअटैक जैसी बीमारियाँ, तनाव के कारण होने वाली मानसिक बीमारियाँ आदि, दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या इन सभी के लिये औषधियाँ एकमात्र विकल्प होने के कारण, फार्मसी क्षेत्र ने एक अद्वितीय महत्व प्राप्त कर लिया है. आज सभी को दवाओं की आवश्यकता है.
सभी को रोग मुक्त जीवन जीना चाहिए. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, हमारे फार्मासिस्ट नई नई दवा का फार्मूला बनाकर और उस पर शोध कर नई दवा को जमीनी स्तर पर ला रहे हैं. इससे सभी को फायदा हो रहा है और सभी के स्वास्थ्य को मदद मिल रही है.गरीब लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से कृष्ठरोग ,क्षयरोग,एड्स,महामारी, नई उभरती बीमारियों के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर सरकारी अस्पतालों से निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जा रही है. सरकारी अस्पताल में रोगियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. वर्तमान रोगियों की संख्या,नई बीमारियां और नई नई दवायें,की तुलना में फार्मासिस्ट की कमी है,लेकिन हमारा फार्मासिस्ट भी मरीज को तब तक दवा देने का काम कर रहा है,जब तक मरीज की बीमारी ठीक नहीं हो जाती. दवा का कारोबार ठीक हो,एवम लोगों के हित के लिए स्वतंत्र औषधि निदेशालय का होना समय की मांग है.
हमारे सभी फार्मासिस्ट भाइयों और बहनों को विश्व फार्मासिस्ट दिवस की शुभकामनाएं.
-सतीश देवीदास माहुरे, मुख्य औषध निर्माण अधिकारी
विभागीय संदर्भ सेवा रुग्णालय, अमरावती