अमरावतीमहाराष्ट्र

उपजिला अस्पताल में विश्व सिकलसेल दिन मनाया

मोर्शी/दि.19– उपजिला अस्पताल में विश्व सिकल सेल दिन मनाया गया. बहुत ही दुर्लभ व आनुवंशिक बीमारी के रुप में पहचानी जाने वाली सिकल सेल मरीजों को नियमित रक्त की आवश्यकता रहती है. उन्हें समय-समय पर रक्त लेना पडता है. रक्त का मात्रा कम रहने वाले मरीज हमेशा ही बीमार रहते है. विश्व सिकल सेल दिन निमित्त जनजागृती का आयोजन किया गया है. जिसमें ग्रामीण स्तर पर व उसी तरह उपजिला अस्पताल मोर्शी में बीमारी की जांच शिवीर, प्रसिध्दी फलक के माध्यम से विविध कार्यक्रम का आयोजन वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. प्रमोद पोतदार के मार्गदर्शन में चलाया गया.
सिकल सेल यह बीमारी सिकल पेश रक्तक्षय या ड्रोपॉनोसायटो सीस इस नाम से पहचानी जाती है. अलैंगिक गुणसूत्र की अप्रभाविता के कारण यह बीमारी होती है. इस बीमारी में लाल रक्त पेशी का आकर दराती की तरह होता है. जिसके कारण शरीर में बारीक बुखार होने, जल्द थकावट आना, पीठ दुखना, भारी काम सहन न होना, श्वासौचवास बढना, शरीर पीला पडना आदि लक्षण दिखाई देते है. इस समय सही उपचार करने का आवाहन डॉ. सचिन कोरडे ने किया. सिकल सेल पूरी तरह नष्ट होने के लिए दवाईयां अभी भी उपलब्ध नहीं हैं. जिसके लिए बिमारी की जानकारी रहना अति आवश्यक है. यह आनुवंशिक बीमारी रहने से दो वाहक व पीडित का विवाह न करने से ही इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. इस तरह के जनजागृती की गयी. प्रयोगशाला वैज्ञानिक अधिकारी आशिष पाटील ने जांच करने का आवाहन किया. इसी तरह डॉ. सचिन कोरडे ने अध्यक्षीय भाषण में सिकल सेल बीमारी के बारे में मार्गदर्शन किया व इसकी जांच के बारे में बल दिया. उपलब्ध दवाईयों व जरुरी जीवन शैली पर जानकारी दी. इस कार्यक्रम में डॉ. मेघा जाम्बडे, विनय शेलूरे, श्रीकांत गोहाड, प्रशांत बेहरे, हरीश निंभोरकर, सुवर्णा श्रीराव, संजय महल्ले, कविता इंगोले, स्वाती बुरंगे, वृषाली भगत, प्रणाली चौधरी, अमोल झाडे, गौरव हरले, नागोराव खडसे, सुरेश खंडारे व अस्पताल के सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.

 

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