अमरावती/ दि.1 – विश्व तंबाखू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में जिला सामान्य अस्पताल में जनजागृती कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर तंबाखू छोडने की शपथ ली गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्रीकांत के. महल ने की. कार्यक्रम में रेजिटेंट मेडिकल ऑफीसर तथा डॉक्टर समिति अध्यक्ष डॉ. सालुंके, महिला डॉक्टर्स एसोसिएशन की अध्यक्षा डॉ. सविता पाटणकर, आशा हरवानी, डॉ. संस्था सचिव डॉ. बेले, संयुक्त सचिव डॉ. निरज मुरके, डॉ. सुजीत डांगोरे, डॉ. गिरीश तापडिया, दंत चिकित्सक डॉ. आतिश पवार, जिला सहालगार राष्ट्रीय तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम के डॉ. मंगेश गुजर, दंत चिकित्सक प्रितीश पडगांवकर, आहार विशेषज्ञ श्रीमती देशमुख आदि उपस्थित थे.
जिला सामान्य अस्पताल में तंबाखू छोडने के लिए कॉउंसिल हेतु तंबाखू मुक्त परामर्श केंद्र चलाया जा रहा हैं. उपजिला और ग्रामीण अस्पताल स्तर पर भी इस तरह के परामर्श केंद्र चलाए जाते हैं. जिला सामान्य अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला कांउस्लर उद्धव जुकरे व सामाजिक कार्यकर्ता पवन दारोकार ने किया. इस साल विश्व तंबाखू निषेध दिवस का ‘तंबाखू हमारे पर्यावरण के लिए खतरा’ है यह नारा था.
तंबाखू उत्पादन में अतिरिक्त रासायनिक ऊर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है और समय के साथ मिट्टी बंजर हो जाती हैं. राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार अमरावती जिले में 15 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में भी तंबाखू सेवन का प्रचलन 9 प्रतिशत था और 15 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में यह 40.8 प्रतिशत था. टाटा कैंसर अस्पताल के एक सर्वे के अनुसार मुंह के कैंसर का 90 फीसदी हिस्सा तंबाखू के सेवन से होता हैं. भारत में हर साल 13.50 लाख लोगों की मौत तंबाखू सेवन से होती हैं.