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साहित्यकार मूंधडा का निधन

शहर के साहित्य जगत में शोक

अमरावती/दि.13- हिंदी के प्रथित यश साहित्यकार प्रा.डॉ. रमेशचंद्र प्रेमलाल मूंधडा का रविवार शाम निधन हो गया. वे अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र मनीष तथा प्रा.विवेक और विवाहित पुत्री ममता सहित भरापूरा परिवार छोड गए हैं. उनका अंतिम संस्कार गत शाम हिंदू स्मशानघाट पर किया गया. प्रा.डॉ. मूंधडा सिद्धहस्त हास्य कवि विशेषकर थे. व्यंग्य विधा में भी आपने अधिकारपूर्वक लेखन किया. अनेक कवि सम्मेलन, कवि गोष्ठी में आपका काव्यपाठ छाप छोड गया. अमरावती के साहित्य जगत में डॉ. मूंधडा के निधन से शोक व्याप्त हो गया है. अनेक गणमान्य लेखकों, कवियों ने रमेशचंद्र के निधन पर दुख व्यक्त किया है.
* अल्प परिचय
रमेशचंद्र मूंधडा का जन्म सिंदी रेलवे में हुआ. उनके पिता प्रेमलालजी मूंधडा आमगांव से राजनांदगांव आ गए थे. प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा राजनांदगांव में हुई. पिता के निधन पश्चात रमेशचंद्र मूंधडा अमरावती आ गए थे. यहां प्रारंभिक काल में निजी व्यवसायी के यहां काम किया. उपरांत गणेशदास राठी शाला में अध्यापन किया. तत्पश्चात केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय में प्राध्यापक के रुप में कार्य किया और हिंदी विभाग के प्रमुख वे रहे. उनके अनेक छात्र-छात्राओं ने हिंदी साहित्य में योगदान के साथ आज शासकीय और निमशासकीय पदों को विभूषित किया है.
* प्रेमचंद्र साहित्य के चितेरे
विश्व विख्यात उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के साहित्य का आपने गहन अध्ययन किया था. इस विषय पर भारतभर में आपके अनेक व्याख्यान हुए. तद्हेतु आपको प्रेमचंद साहित्य का कुशल चितेरा माना जाता. उसी प्रकार आपकी अनेक हिंदी हास्य रचनाओं ने आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रमुखता से स्थान पाया. आपकी अनेक पुस्तकें भी प्रकाशित हुई. नाट्य विधा में भी आपने रचनाएं की. आकाशवाणी से डॉ. मूंधडा के हिंदी नाटकों का प्रसारण हुआ. अमरावती में हिंदी जगत के प्रा.डॉ. विकल गौतम, शिवचंद्र नागर, प्रा. पद्मचंद जैन, प्रो. डॉ. रमाकांत चंद्राकर आदि के सानिध्य में डॉ. मूंधडा को कडी माना जा सकता है. अनेकानेक हिंदी साहित्य विद्यार्थियों का डॉ. मूंधडा ने सफल मार्गदर्शन किया. पीएचडी धारक दिवंगत साहित्यकार रमेशचंद्र मूंधडा के निधन पर प्रा.डॉ. उदयन शर्मा, विजय व्यास, भगवान वैद्य प्रखर, पवननयन जायस्वाल, शंकर भूतडा, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, डॉ. आशा पांडेय, प्रा. कविता मालपानी, प्रा. ज्योति मंत्री, प्रा. ममता मेहता, प्रा.डॉ. मनोज जोशी, दीपक दुबे, नंदकिशोर बजाज आदि ने शोक व्यक्त किया है.

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