केवल 12 वीं उत्तीर्ण लोगोें को मेडिकल लाईसेन्स देना गलत फैसला
फार्मासिस्ट भारती मोहोकार ने किया केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध
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अमरावती/दि.22 – विगत 15 फरवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कॉस्मेटिक एन्ड ड्रग्ज अधिनियम में कुछ बदलाव किये गये, जिसके चलते अब कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण कोई भी व्यक्ति मेडिकल व्यवसाय के क्षेत्र में कदम रख सकेगा. हालांकि इसके लिए संबंधित व्यक्ति के पास मेडिकल व्यवसाय से संबंधित एक वर्ष का अनुभव रहना जरूरी होगा. इस नये बदलाव की वजह से अब कक्षा 12 वीं उत्त्तीर्ण व्यक्ति भी मेडिकल व्यवसाय क्षेत्र में कार्य करते हुए वैद्यकीय उपकरणों की खरीदी व बिक्री कर सकेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लिये गये इस फैसले का शहर की ख्यातनाम फार्मासिस्ट तथा रणरागिणी महिला फार्मासिस्ट फाउंडेशन (महाराष्ट्र) की संस्थापक अध्यक्षा भारती मनीष मोहोकार ने विरोध किया है. साथ ही कहा है कि, केंद्र सरकार द्वारा लिया गया फैसला समझ से परे रहने के साथ-साथ कुछ हद तक खतरनाक भी साबित हो सकता है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में फा. भारती मोहोकार द्वारा कहा गया कि, इससे पहले हर तरह एवं किसी भी तरह का मेडिकल व्यवसाय करने के लिए फार्मासिस्ट की पदवी रहना आवश्यक होता था. क्योेंकि यह सीधे-सीधे लोगोें के जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा से संबंधित मसला है. जिसमें काम करने हेतु विशेष रूप से शिक्षित व प्रशिक्षित मनुष्यबल की जरूरत होती है. दवाईयों व वैद्यकीय उपकरणों का उत्पादन व बिक्री करनेवाले व्यक्ति को मरीज की शारीरिक संरचना, बीमारी से होनेवाली तकलीफ तथा इलाज संबंधी जरूरतों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, जो केवल 12 वीं उत्तीर्ण किसी भी व्यक्ति के पास नहीं होती. ऐसे में किसी भी तरह के लाईसेन्स या प्रशिक्षण के बिना महज 12 वीं उत्तीर्ण व्यक्ति को वैद्यकीय उपकरणों व साधनों की बिक्री हेतु अनुमति या लाईसेन्स देना एक लिहाज से खतरनाक भी साबित हो सकता है. अत: सरकार द्वारा इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. फा. भारती मोहोकार के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा नियमों में किये गये बदलाव की वजह से डायग्नोस्टिक, ऑक्सिमीटर, इन्फ्रारेट थर्मामीटर व पीपीई जैसी मेडिकल से संबंधीत वस्तुओं की खरीदी-बिक्री करने की अनुमति केवल 12 वीं उत्तीर्ण व्यक्ति को भी प्रदान की जायेगी. किंतु इन वस्तुओं के उत्पादन व बिक्री के लिए भी विशेष तरह का प्रशिक्षण प्राप्त रहना बेहद आवश्यक है. साथ ही इन वस्तुओं की बिक्री हेतु भी तमाम तरह की सावधानियां बरतनी होती है. जिसके बारे में पूरी जानकारी डी. फार्म व बी. फार्म की पदवी प्राप्त व्यक्ति के पास ही होती है. अत: मेडिकल व्यवसाय के क्षेत्र में काम करने हेतु फार्मसी की डिग्री को अनिवार्य ही रखा जाना चाहिए.