केंद्र सरकार को बताया कामगार विरोधी
अमरावती -/दि.4 आयटक के नेतृत्व में आशा व गुट प्रवर्तक कर्मचारियों ने दिल्ली, मुंबई, नागपुर व जिलास्तर पर कई आंदोलन किये. लेकिन उनके मानधन में मामूली वृद्धि कर सरकार उनसे मजाक कर रही है. बढती महंगाई में परिवार का पालन-पोषण कैसे करें, यह सवाल सभी आशा व गुट प्रवर्तकों के सामने है. स्वास्थ्य विभाग की पूरी जिम्मेदारी आशा सेविकाओं पर सौंपी गई है. लेकिन उन्हें ना मान है ना उचित मानधन इसलिए आशा व गुटप्रवर्तकों को केंद्र सरकार कीमान वेतन दें, यह प्रस्ताव आज जिला अधिवेशन में पारित किया गया.
विगत 3 वर्ष से कोरोना प्रतिबंधक उपाय योजना का अभियान चला रहे आशा व गुट प्रवर्तकों को स्वास्थ्य विभाग की विविध 78 जिम्मेदारियां निभानी पडती है. उसके ऐवज में बेहद कम मानधन मिलता है. वह भी 4-4 महिने तक नहीं दिया जाता. यह बात बेहद संतापजनक है. महंगाई बढने के बाद भी केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 से मानधन नहीं बढाया है. इसलिए यह मानधन तुरंत बढाया जाये, अन्यथा 10 से 30 अगस्त तक सभी आशा व गुट प्रवर्तक तीव्र आंदोलन करेंगे, यह चेतावनी भी जारी की गई. केंद्र सरकार को कामगार विरोधी बताते हुए सरकार के खिलाफ पूरी ताकत से मैदान में उतरने का ऐलान भी अधिवेशन में किया गया. इस अवसर पर संगठन के जिला अध्यक्ष रेखा मोहोड, जिला सचिव प्रफुल देशमुख, गुट प्रवर्तक अध्यक्ष उज्वला चौधरी, सुष्मा रहागंडाले, ललिता सहारे, आशा गायगोेले, ललिता ठाकरे, प्रमिला ठवरे, वनिता कडू, शुभांगी कडू, स्वाति बायिस्कर, अंजली तानोड, योगिता गोरले, प्रज्ञा मोहोड, वैशाली पाटील, निशा सुपले, अनिता लव्हाडे, वैशाली हिवराले, कांता इंगोले, संध्या शर्मा, अर्चना खांडेकर, वंदना वाकडे, दिपाली घाटे, विजया जनवर आदि उपस्थित थे.