बच्चों के दांतों में क्यों लगते हैं कीड़े?
अमरावती-/दि.4 दांत खराब होना, यह मुंह के जिवाणुओं के कारण होने वाली बीमारी है. मुंह में जिवाणू दांतों पर जमा अन्नकणों की शक्कर पर प्रक्रिया कर आम्ल तैयार करते हैं और इस आम्ल के कारण दातों के पृष्ठभाग पर ही आवरम गलने की शुरुआत होती है. यह प्रक्रिया धीरे-धीरे लेकिन लगातार शुरु रहती है. दातों को एक बार छेद पड़ने पर वह अपने आप नहीं भरता.
छोटे बच्चों को रात के समय बोतल से दूध पिलाने से मुंह में शक्कर रहने से कीड़े तैयार होते है. शक्कर या ग्लुकोज दांतों पर जमा होने व मुंह में रहती है. मुंब में बड़े पैमाने पर जीवाणु रहते हैं. वे घातक नहीं है फिर भी उस अन्न से आम्ल तैयार होता है. दांतों में कीड़े तैयार होते हैं.
* चॉकलेट कम खाये
बचपन में बच्चे मीठे पदार्थ खाने के ओर अधिक आकर्षित होते हैं. कोई भी पदार्थ खाने की बजाय उसे खाने के बाद दांतों को अच्छी तरह से साफ करना आवश्यक है लेकिन कई बार छोटे बच्चे इस ओर दुर्लक्ष करते हैं. परिणामस्वरुप दातों में कीड़ों की बीमारी का सामना करना पड़ता है.
* दांतों की ओर दें ध्यान
छोटे बच्चों को रात के समय बोतल से न देते हुए चम्मच से दूध पिलाये. दूध पिलाने के बाद चम्मच से पानी पिलाये. 12 से 13 वर्ष की उम्र में दूध के दांत गिरते है. दूध के दांत गिरने के बाद हर 6 महीने में दांतों की जांच करना आवश्यक है. दंत रोग तज्ञ का कहना है कि ओआहार में साग भाजी, फल होना चाहिए. जिससे नैसर्गिक रुप से दातों को आधार मिलता है. आहार में फल भाजी, सलाद होने से दांतों के कीड़े रोकने में मदद होती है.