यशोमति ठाकुर के सिर पर बंधा जीत का सेहरा
जिले के सभी कांग्रेसियों को एकजूट रखने में रही सफल
अमरावती/दि.4 – लोकसभा चुनाव का नतीजा घोषित होते ही अमरावती संसदीय क्षेत्र के कांग्रेसियों में हर्षोन्माद की लहर फैल गई. क्योंकि करीब 29 वर्ष बाद अमरावती संसदीय सीट पर कांग्रेस के पंजा चुनाव चिन्ह एवं कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई. कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे की इस जीत का सेहरा तिवसा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक व जिले की कद्दावर कांग्रेस नेत्री यशोमति ठाकुर के सिर पर बंधता है. जिन्होंने पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए दिन रात एक करते हुए पूरे संसदीय क्षेत्र के कांग्रेसियों को एकजूट व संगठित किया. साथ ही संसदीय क्षेत्र में शामिल प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की खाक छानते हुए पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार भी किया. उसके अलावा वे कांग्रेस के प्रमुख नेता व सांसद राहुल गांधी को भी पार्टी प्रत्याशी के प्रचार हेतु अमरावती लाने में सफल रही. जिसके चलते बलवंत वानखडे की जीत का सिरमौर विधायक यशोमति ठाकुर को माना जा रहा है.
बता दें कि, अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित अमरावती संसदीय क्षेत्र से विधायक बलवंत वानखडे ही कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे. यह बात काफी समय पहले एक पार्टी के वलगांव परिसर स्थित एक कार्यक्रम के दौरान खुद विधायक यशोमति ठाकुर ने कही थी. जिसके बाद से बलवंत वानखडे का नाम लगातार कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चर्चा में रहा और पार्टी ने उन्हें ही लोकसभा चुनाव में टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया. इसके लिए भी विधायक यशोमति ठाकुर ने पार्टी आलाकमान से सतत संपर्क रखते हुए प्रयास किये थे. जिसमें उन्हें सफलता भी मिली. वहीं बलवंत वानखडे को संसदीय चुनाव हेतु पार्टी के चुनाव मिल जाने के बाद विधायक यशोमति ठाकुर ने उनके चुनाव प्रचार की रणनीति तय करने का जिम्मा खुद उठाया तथा वे अपने सभी समर्थकों व कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव प्रचार में जुट गई.
यहां यह कहना बिल्कुल भी अतिशयोक्ति पूर्ण नहीं रहेगा कि, यद्यपि कांग्रेस का ग्रामीण जिलाध्यक्ष पद बबलू देशमुख और शहराध्यक्ष पद बबलू शेखावत के पास है. लेकिन विधायक यशोमति ठाकुर ने खुद पार्टी के स्थानीय अध्यक्ष के तौर पर काम करते हुए पार्टी के सभी धडों को एकजूट किया और उन्हें संगठित करते हुए पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए सक्रिय तरीके से काम पर लगाया. जिसके सार्थक नतीजा आज कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे की जीत के तौर पर सामने आया.