अमरावती

फोर्ब्स के 30 युवा उद्योजकों में यवतमाल की बेटी

यूरोप में बजाया डंका, ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश

यवतमाल/दि.9 – फोर्ब्स नामक विश्व विख्यात मासिक व्दारा चनित यूरोप के 30 वर्ष की आयु के भीतर वाले 30 उद्योजकों में ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत मूल यवतमाल निवासी आरफा कारानी का समावेश किया गया है. ऊर्जा संक्रमण तकनीक में आगामी कुछ वर्ष में आरफा का 220 लाख डॉलर से अधिक निवेश रहेगा, ऐसा फोर्ब्स का अनुमान है.
आरफा का परिवार मूल यवतमाल का है. मधुबन कॉलोनी निवासी उसके पिता हुसैन हासम कारानी का यवतमाल में बडा जिनिंग व्यवसाय था. कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने अपना व्यवसाय बंद कर दिया और अफ्रिका खंड के युगांडा में नया उद्योग शुरु किया. आरफा उनकी बेटी है. आरफा की 8वीं तक शिक्षा यवतमाल के फ्री मैथोडिस्ट शाला में हुई. पश्चात 9वीं कक्षा के लिए वह उटी के इंटरनेशनल स्कूल में प्रवेश लिया. 10वीं में मेरिट में आते हुए उसने स्वर्ण पदक प्राप्त किया. पश्चात बंगलुरु के इंटरनेशनल स्कूल में उसने आईबी अभ्यासक्रम पूर्ण किया और उच्च शिक्षा के लिए लंडन चली गई. वहां केंब्रीज विद्यापीठ में पदार्थ विज्ञान में उसने पीएचडी की. वहां भी वह सेकंड टॉपर रही. उसके बाद आरफा ने लंडन की इक्विनॉर नामक आइल कंपनी में व्यवस्थापक के रुप में 3 साल जिम्मेदारी संभाली. पश्चात वहीं खुद का उद्योग शुरु किया. साथ ही क्लिमा नामक आंतरराष्ट्रीय वित्तिय सेवा फर्म में उसने व्यवस्थापक के रुप में जिम्मेदारी संभाली. अब वह अलांत्रा ऊर्जा क्षेत्र की बडी कंपनी में कार्यरत है. वह खुद भी बडी निवेशक है. उसने अन्य ऊर्जा क्षेत्र कंपनी में निवेश किया है. आगामी कुछ वर्षो में ऊर्जा संक्रमण तकनीक में आरफा कारानी की टीम 220 लाख डॉलर से अधिक निवेश करेगी, ऐसी अपेक्षा है.
* आरफा के दादा गरीबी से बढे आगे
आरफा करानी के दादा हासमभाई राणा कारानी यह 75 वर्ष पूर्व गुजरात से यवतमाल आ गए. उस समय उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. पश्चात वे कपास की बिक्री करने लगे. धीरे-धीरे यह व्यवसाय बढनं के बाद उन्होंने यवतमाल में जिनिंग मिल शुरु की. पश्चात आईल मिल भी शुरु कर दी. कपास खरीदी-बिक्री व्यवहार के कारण ही वर्तमान में कारानी परिवार आर्थिक रुप से सक्षम होने की जानकारी आरफा के पिता हुसैन कारानी ने दी. बेटी की इस सफलता की जानकारी मिलने के बाद माता-पिता की खुशी से आंखे भर आई.
* स्पर्धा के इस युग में विश्व के दरवाजें खुले
आरफा कारानी से संपर्क करने पर उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया. एक तरफ महिला दिन मनाया जा रहा है, ऐसे में मिलने वाला यह सम्मान बडा है, ऐसा उन्होंने कहा. कम आयु में ऊर्जा क्षेत्र में किए गए बडे निवेश के कारण फोर्ब्स ने मेरा नाम शामिल किया. यवतमाल और महाराष्ट्र राज्य के युवा भी स्पर्धा के लिए सामने आने चाहिए. वर्तमान दौर में संपूर्ण विश्व के दरवाजें सभी के लिए खुले है. इस स्पर्धा में मेहनत और परिश्रम को महत्व है. वह करने की यदि तैयारी हो तो सफलता से कोई नहीं रोक सकता, ऐसा आरफा कारानी ने कहा.

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