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यावलकर, दटके ने किया जय विदर्भ का घोष

विधानसभा की सदस्यता की शपथ

* नागपुर सत्र के पहले दिन मोर्चा लाने का भी ऐलान
अमरावती/नागपुर/दि.9 – विधानसभा का विशेष सत्र चल रहा है. मुंबई में विधान मंडल में रविवार को भी नये सदस्यों को सदन की सदस्यता की शपथ प्रोटेम अध्यक्ष कोलंबकर ने दिलाई. इस दौरान मोर्शी-वरुड के बीजेपी विधायक उमेश उर्फ चंदू यावलकर ने शपथ लेने पश्चात जय विदर्भ का नारा बुलंद किया. यावलकर के अतिरिक्त नागपुर में नवनिर्वाचित प्रवीण दटके ने भी जय विदर्भ का नारा दिये जाने का समाचार है. हालांकि दोनों ही विधायकों ने भारत माता की जयकारे भी लगाये. किंतु अधिकांश सदस्यों को जय विदर्भ का नारा ध्यान आकर्षित कर गया.
उल्लेखनीय है कि, विदर्भ राज्य की डिमांड दशकों से उठाई जा रही. बीजेपी ने भी अपने घोषणापत्र में विदर्भ राज्य बनाने की बात कही थी. बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय 3 राज्यों का गठन हुआ था. बीजेपी छोटे राज्यों की हिमायती रही है. उसका कहना है कि, प्रशासन की दृष्टि से छोटे राज्य सहज रहते हैं.
* विदर्भवादी प्रसन्न
नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा सदन में शपथग्रहण करते समय जय विदर्भ का नारा दिये जाने से विदर्भ राज्य चाहने वाले कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखाई दिया. उन्होंने बताया कि, नागपुर जिले के 3 अन्य विधायकों को कांग्रेस के विकास ठाकरे, राजू पारवे और बीजेपी के टेकचंद सावरकर ने भी पिछली बार जय विदर्भ का घोष किया था. विदर्भ राज्य बनाने की मांग सदन में बुलंद की थी. दिनेश नायडू ने कहा कि, क्षेत्र की चौमुखी प्रगति हेतु अलग राज्य होना आवश्यक है. विदर्भ सक्षम राज्य बन सकता है. ऐसे ही जय विदर्भ पार्टी के मुकेश मासुरकर ने दावा किया कि, किसान आत्महत्या से लेकर बिजली की तमाम समस्या का हल पृथक विदर्भ राज्य बनने पर होगा. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से वादा पूरा करने का भी आवाहन किया. महाविदर्भ जनजागरण के संयोजक नितिन रोंघे ने कहा कि, देवेंद्र फडणवीस का पुन: राज्य में सत्ता का मुखिया बनना अत्यंत शुभकारी और लाभकारी होने वाला है. अलग विदर्भ राज्य बनाये जाने से निश्चित ही क्षेत्र की तरक्की तेज गति से होने का दावा भी रोंघे ने किया.
* पहले दिन मोर्चा
विदर्भ राज्य जन आंदोलन समिति (वीआरएएस) ने शीतसत्र के पहले ही दिन अर्थात 16 नवंबर को विधान भवन के सामने धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है. सुबह 11 से शाम 5 बजे तक धरना आंदोलन करने का निर्णय 5 दिसंबर को हुई वीआरएएस की बैठक में तय किया गया. बैठक में वेद के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप माहेश्वरी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पृथक विदर्भ राज्य की मांग को लेकर धरना आंदोलन का निर्णय किया गया. पूर्व विधायक वामनराव चटप, वरिष्ठ अर्थशास्त्री श्रीनिवास खांदेवाले और अन्य उपस्थित थे. बैठक में मुकेश मासुरकर ने कहा कि, विदर्भ के अपने मुख्यमंत्री होने से इस बार राज्य अलग बनाये जाने की मांग पूरी होने का सही समय है.

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