अमरावती

8 साल में 350 शिक्षक बने योग शिक्षक, हजारो योग साधक

जर्नादन स्वामी योगाभ्यासी मंडल की योगसाधना

अमरावती/ दि. 21– जनार्दन स्वामी ने 1974 को योग दिन उत्साह से मनाने का संकल्प नागरिको के साथ लिया था. परंतु इसे सच्चे अर्थो में साकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. मोदी ने 2014 में 21 जून यह दिन योगदिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और जनार्दन स्वामी योगाभ्यासी मंडल की योग साधना शुरू हुई. 8 वर्ष मेें इस मंडल ने 350 से अधिक योगशिक्षक व हजारों योगसाधक नि:शुल्क तैयार किए.
इस संबंध में मीडिया ने स्मिता जोग से संवाद साधा. इस समय स्मिता जोग ने बताया कि नर से नारायण होने के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास करें. यह जनार्दन स्वामी की बात को हमेशा ध्यान में रखकर मंडल का प्रत्येक व्यक्ति योगाभ्यास से काम कर रहा है. 1950-51 के बाद जनार्दन स्वामी स्वयं दो वर्ष अमरावती में रहे. इस समय उन्होंने योगशिविर व व्याख्यान देकर योग शिक्षक तैयार किए. उसके बाद जर्नादन स्वामी ने नागपुर की ओर प्रस्थान किया.
वे उपस्थित न होने पर भी उनका योगाभ्यास शुरू ही रहा. दीपार्चन हाल में प्रा. सोहनी योग क्लास में निरंतर मार्गदर्शन करते रहते थे. मंडल द्बारा योग प्रवेश व योग प्रवीण ऐसी दो परीक्षा ली जाती थी. उस परीक्षा में जो उत्तीर्ण होगा व योग शिक्षक बनता था. उसनुसार अमरावती में 350 योग शिक्षक तैयार किए गए. इसके अतिरिक्त मंडल द्बारा प्रशिक्षण क्लास व परीक्षा क्लास व शिविर लिए जाते है. एकनाथपुरम में मोहिनी जोशी, कांतानगर में रिता ठक्कर व विजया टेंभे, साईनगर में वंदना दिग्रसकर व सुलभा निचत, सिपना जोग, एकविरा देवी संस्थान सभागृह में नीलिमा दांदले व योगिता संगई नि:शुल्क योग क्लास लेती है. हजारों योग साधक इसमें प्रवीण होने पर वे भी घर में योग करने लगे. योगाभ्यास को व्यायाम समझकर न देखे. योगाभ्यास यह अमूल्य है. जिस प्रकार शरीर का मन से मिलन उसी प्रकार आत्मा से परमात्मा से मिलन हो इसलिए योगाभ्यास सिखाया जाता है. योगाभ्यास से कितने ही लोगों का दवाई लेना कम हो गया है. कितनों की निराशा गायब हो गई. कितने ही लोग बीमारी से मुक्त हो गए. जिसके कारण हजारों नागरिक योग साधक बने है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को योगदिन उत्साह से मनाने का निर्णय लिया फिर भी उनके इस योगदान के निमित्त से जनार्दन स्वामी का सपना पूरा होने का संतोष व्यक्त किया, ऐसा स्मिता जोग ने कहा.

हर स्कूल में योग क्लास ली जानी चाहिए
गणपति नागरिक सेंट फ्रांसिस हाईस्कूल में 2016 में शिक्षको को योगासन सिखाया. शिक्षको ने 15 दिन में नियमित योग करने का बताया. शाला शुरू होने पर विद्यार्थियों का आधा घंटा समय निकालकर योगासन क्लास लगाई. वह क्लास आज तक शुरू है. विद्यार्थी भी बडी रूचि से योग सीखते है और करते है. उसका परिणाम उनकी स्मरण शक्ति , आत्मविश्वास मजबूत हुआ है. अत: हर शाला में योग क्लास सिखाया जाना चाहिए. ऐसी अपेक्षा स्मिता जोग ने व्यक्त की.

Related Articles

Back to top button