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आप हालात सामान्य करो, हम कर्फ्यू हटा देंगे

सीपी डॉ. आरती सिंह का शहरवासियों से आवाहन

* दैनिक अमरावती मंडल के साथ की विशेष तौर पर बातचीत

अमरावती/दि.17- विगत शुक्रवार व शनिवार को अमरावती शहर में जो कुछ भी हुआ, वह अपनेक्षित के साथ ही बेहद दुर्भाग्यजनक था. जिससे शहर का शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण वातावरण खराब हुआ. ऐसे में हिंसा व तनाव को टालने के साथ ही लोगों के जानोमाल की रक्षा के लिए पुलिस द्वारा शहर में कर्फ्यू लगाने के साथ ही नेट बंदी लागू की गई है. जिसे उस समय तक जारी रखा जायेगा, जब तक शहर में हालात पूरी तरह से सामान्य रहने की आश्वस्ति नहीं मिलती. ऐसे में अब यह अमरावती शहरवासियों के हाथ में है कि, वे कितने जल्दी शहर के माहौल को पहले जैसा शांत व व्यवस्थित करते है. जितने जल्दी तनाव घटकर हालात सामान्य होंगे, उतने ही जल्दी शहर से कर्फ्यू हटा दिया जायेगा. अन्यथा हालात सामान्य होने तक कर्फ्यू जारी रहेगा. इस आशय का प्रतिपादन शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह द्वारा किया गया.
शहर पुलिस आयुक्तालय स्थित अपने कार्यालय में दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए सीपी डॉ. आरती सिंह ने उपरोक्त प्रतिपादन किया. साथ ही उन्होंने कहा कि, आगामी शनिवार तक निश्चित रूप से कर्फ्यू जारी रहेगा. हालांकि इस दौरान जीवनावश्यक वस्तुओं की खरीददारी हेतु कर्फ्यू में ढील दी जा रही है. साथ ही आज से कर्फ्यू में दी जानेवाली ढील का समय दो घंटे से बढाकर चार घंटे किया गया है. वहीं अगर हालात ऐसे ही धीरे-धीरे सामान्य होते है, तो छूट के दायरे को बढाने पर विचार किया जायेगा. इसी तरह परसोें 19 नवंबर तक इंटरनेट पूरी तरह से बंद रहेगा और इसके बाद पहले ब्रॉडबैंड सर्विस बहाल की जायेगी तथा फिर मोबाईल पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.

* जो कुछ हुआ, वह गलत तो था ही

इस बातचीत में सीपी डॉ. आरती सिंह ने कहा कि, विगत 12 नवंबर को शहर में बिना अनुमति के बडा मोर्चा निकाला गया. यह बेहद गलत बात थी. वहीं इसे जवाब देने हेतु जिस तरह से शनिवार को अमरावती बंद करने की जल्दबाजी की गई, वह और भी गलत हुआ. सीपी डॉ. आरती सिंह के मुताबिक शुक्रवार को निकाले गये मोर्चे के दौरान जिन प्रतिष्ठानों में तोडफोड हुई, उन प्रतिष्ठानों के संचालकों द्वारा पुलिस में अपनी एफआईआर दर्ज कराई गई थी और पुलिस ने अपनी जांच भी शुरू कर दी थी. साथ ही तोडफोड में शामिल लोगों की धरपकड का काम भी शुरू हो गया था. ऐसे में स्थानीय व्यापारियों को पूरे शहर में व्यापार बंद करने का आवाहन करने की कोई जरूरत नहीं थी. दूसरे दिन के बंद से माहौल भडका भी और बिगडा भी, जिसका नतीजा सबके सामने है.
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* साजिश और बाहरी तत्वों के समावेश की हो रही जांच
क्या विगत शुक्रवार व शनिवार को अमरावती में माहौल बिगाडने के पीछे कोई सोची समझी साजिश थी, या फिर दो दिन के दौरान हुई हिंसा व तोडफोड में कुछ बाहरी तत्व शामिल थे. इस सवाल पर सीपी डॉ. आरती सिंह ने कहा कि, पुलिस के पास फिलहाल इसे लेकर निश्चित तौर पर कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं है, किंतु हम ऐसी तमाम संभावनाओं को खंगाल रहे है और यदि जांच के बाद इसमें किसी भी तरह का कोई तथ्य पाया जाता है, तो संबंधितों के खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की जायेगी.

* सोशल मीडिया पर लाईव स्ट्रीमिंग से बिगडा मामला

शनिवार की दोपहर 2 बजे से इंटरनेट पर लगाये गये बैन और नेट बंदी को लंबा खींचे जाने के बारे में जानकारी देते हुए सीपी डॉ. आरती सिंह ने कहा कि, शुक्रवार की शाम और शनिवार की दोपहर अमरावती शहर में तोडफोड, हिंसा, पथराव तथा आगजनी की जितनी घटनाएं हुई, उसे लेकर सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो शेअर किये गये. साथ ही कई स्थानों से ऐसी वारदातों की लाईव स्ट्रीमिंग भी हुई. ऐसे में एक इलाके के तनाव को देखकर दूसरे इलाके में तनाव भडका. जिसके चलते हालात बडी तेजी से बेकाबू हो गये. ऐसे हालात में सबसे बेहतर कदम यहीं था कि, इंटरनेट को बंद किया जाये, ताकि बेवजह की अफवाहों को फैलने से रोका जा सके और जातिय तनाव को कम किया जा सके.

* अब से हर छोटे-बडे मोर्चे व आयोजन के लिए जरूरी होगी अनुमति

विगत सप्ताह हुई घटनाओं के मद्देनजर सीपी डॉ. आरती सिंह ने कहा कि, पहले से चले आ रहे नियमों के तहत किसी भी तरह के मोर्चे, रैली व धरना प्रदर्शन के लिए पुलिस की अनुमति लेना अनिवार्य ही है. साथ ही इस समय कोविड प्रतिबंधात्मक आदेश जारी रहने के चलते पुलिस की अनुमति के बिना मोर्चे व रैली जैसा कोई आयोजन किया ही नहीं जा सकता. लेकिन इसके बावजूद 12 नवंबर की दोपहर बाद अमरावती शहर में एक काफी बडा मोर्चा निकाला गया. जिसकी अनुमति भी नहीं ली गई थी. इसे पुलिस द्वारा बेहद गंभीरता से लिया गया है और मोर्चे के आयोजकों के खिलाफ मामले भी दर्ज किये गये है. इसके अलावा अब से शहर में हर तरह के छोटे-बडे मोर्चे व रैली के आयोजन के साथ-साथ किसी भी तरह के सामूहिक या सार्वजनिक आयोजन के लिए पुलिस की अनुमति आवश्यक कर दी गई है.

* थोडा संयम से काम लेते तो टल सकता था तनाव

इस बातचीत के दौरान पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने एक-दो बार दोहराया कि यदि शुक्रवार को हुई तोडफोड की छिटपूट घटनाओं के बाद अमरावती शहरवासियों द्वारा थोडा संयम से काम लिया जाता, तो आगे की बडी घटनाओं को टाला जा सकता था. किंतु शुक्रवार की शाम कुछ स्थानों पर तोडफोड होने की जानकारी मिलते ही कुछ व्यापारी संगठनों द्वारा बेहद जल्दबाजी में अगले दिन व्यापार बंद रखने की घोषणा की गई. साथ ही सोशल मीडिया पर कुछ नेताओं के वीडियो आने शुरू हो गये. जिसमें दूसरे दिन के लिए कई तरह के आवाहन किये जाने लगे. ऐसी तमाम बातों से शहर का वातावरण बिगडना शुरू हुआ. यह शहर के लिए काफी नुकसानदेह रहा.

* अब हालात तेजी से सामान्य हो रहे

चार दिनों के लिए लगाये गये कर्फ्यू को आगामी शनिवार तक आगे बढा दिया गया है. साथ ही इंटरनेट को भी और अधिक तीन दिनों के लिए बंद करवा दिया गया है. क्या पुलिस के पास ऐसा कोई इनपुट है, जिसके मुताबिक शहर में अब भी धार्मिक तनाव या हिंसा की वारदातें घटित हो सकती है, इस सवाल पर शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने कहा कि, पुलिस के पास ऐसा कोई इनपुट नहीं है, किंतु फिलहाल किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता, हालांकि अब दोनोें ओर के लोग बेहद समझदारी से काम ले रहे है तथा हालात बडी तेजी से सामान्य हो रहे है. जिनकी लगातार समीक्षा की जा रही है और जैसे ही यह महसूस होगा कि अब शहरवासियों के लिए किसी तरह का कोई खतरा नहीं है, तो कर्फ्यू को हटा दिया जायेगा.

* राजनीतिक आरोपों से हमारा कोई लेना-देना नहीं

अमरावती में भडकी हिंसा को लेकर विगत दिनों राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने राज्य के पूर्व मंत्री डॉ. अनिल बोंडे पर दंगा भडकाने हेतु मुंबई से पैसों की फंडींग करने का आरोप लगाया है. इसे लेकर पूछे गये सवाल पर सीपी डॉ. आरती सिंह ने कहा कि, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. वैसे भी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से पुलिस का कोई वास्ता नहीं होता. यदि किसी के पास इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी है, तो वहां आकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराये. जिसके बाद पुलिस द्वारा अपनी ओर से आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.

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