अमरावती

ऑनलाईन कर्ज के जाल में अटका युवा वर्ग

डिजीटल डेटा होता है हैक, कई एप के जरिये होती है जालसाजी

अमरावती/दि.10– दिनों दिन बदलती जीवनशैली की वजह से अब युवाओं की मुलभूत जरूरतें बढ गई है और अपने साधन संपन्न होने का दिखावा करते हुए दूसरों पर प्रभाव डालने के लिए युवा इन दिनों कुछ भी करने हेतु तैयार रहते है. जिसका सीधा फायदा साईबर अपराधियों द्वारा उठाया जाता है. इन दिनों विभिन्न तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए युवाओं द्वारा बडे पैमाने पर कर्ज लिया जाता है. इस बात के मद्देनजर साईबर अपराधियों द्वारा ऑनलाईन कर्ज देने के नाम पर कई तरह के ऍप तैयार किये गये है. जिनके जरिये कर्ज की तलाश में रहनेवाले युवाओं के साथ जालसाजी की जाती है.
उल्लेखनीय है कि, बैंक से कर्ज लेने के लिए काफी लंबी कार्यालयीन प्रक्रिया पूरी करनी पडती है. साथ ही दस्तावेजों की पूर्तता, जमानतदार की उपलब्धता और गिरवी रखने की प्रक्रिया जैसी दिक्कतों को पार करते हुए कर्ज प्राप्त करना होता है. ऐसे में बैंकों की बजाय ऑनलाईन कर्ज उपलब्ध करवानेवाली कंपनियों की ओर युवाओं का रूझान काफी अधिक बढ गया है. क्योंकि ऐसी कंपनियों के ऍप पर एक क्लिक करते ही तुरंत कर्ज की आपूर्ति की जाती है. किंतु यहीं बात युवाओं के लिए काफी खतरनाक साबित होती है. क्योंकि ऐसे ऍप पर क्लिक करते ही मोबाईल में रहनेवाला पूरा डेटा संबंधित ऍप संचालक के पास चला जाता है और कई साईबर अपराधियों द्वारा फेंक ऍप के जरिये मोबाईल क्रमांक को हैक करने के साथ ही पूरी जानकारी को चुरा लेते है. जिसका कई बार गलत इस्तेमाल भी किया जाता है. साथ ही कई कंपनियों द्वारा अगर कर्ज का एक किश्त भी बकाया हो गई, तो संबंधित कर्जदार के छायाचित्रों को मॉर्फिंग करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है, ताकि युवाओं को ब्लैकमेल किया जा सके.
जानकारी के मुताबिक ऑनलाईन कर्ज देनेवाले 99 फीसद ऍप गैरकानूनी होते है. किंतु तुरंत कर्ज मिलने की आस में युवा ऐसे ऍप के आकर्षण में फंस जाते है. परंतू इस ऍप की वजह से अपनी पूरी निजी जानकारी साईबर अपराधियों के हाथ में पहुंच जाती है. जिसका इन अपराधियों द्वारा गलत फायदा उठाया जाता है. इस आशय की जानकारी देते हुए शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत कार्यरत साईबर सेल की पीआई सीमा दातालकर ने सभी युवाओं से आवाहन किया कि, वे इस तरह के ऍप को कतई डाउनलोड न करे. साथ ही अगर उन्हें ऐसे किसी ऍप के जरिये ब्लैकमेल किया जा रहा है, तो तुरंत इसकी शिकायत साईबर सेल पुलिस को दें.

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