
परतवाडा/दि.11-श्री दिगंबर जैन महासमिति महाराष्ट्र प्रदेश के राज्य अधिवेशन का आयोजन श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र मुक्तागिरी में दो दिवसीय अधिवेशन संपन्न हुआ. मुक्तागिरी सिद्धक्षेत्र के विद्यासागर भवन में ध्वजारोहण श्री दिगंबर जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मणिंद्र जैन नई दिल्ली, श्री दिगंबर जैन महिला महासमिति की राष्ट्रीय अध्यक्षा शिला डोडिया ने किया. अपने मार्गदर्शन में राष्ट्रीय अध्यक्ष मणिंद्र जैन ने कहा कि ज्ञान और संस्कार शिविर भविष्य के लिए अति आवश्यक है. बच्चों के लिए ज्ञान शिविर का आयोजन निरंतर होना चाहिए. धर्म संस्कार अति आवश्यक है. भारत को सनातन राष्ट्र बनाना चाहिए. उन्होंने अपनी बात धार्मिक, आर्थिक,सामाजिक विषयों पर रखी. महासमिति का उद्देश्य युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है.
समारोह की अध्यक्षता श्री दिगंबर जैन महासमिति के प्रदेश अध्यक्ष नितिन नखाते ने की. विशेष अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे, उनकी पत्नी डॉ. वसुधा बोंडे, श्री दिगंबर जैन महिला महासमिति की राष्ट्रीय अध्यक्षा शीला डोडिया जयपुर, श्री दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष मिहिर गांधी, श्री दिगंबर जैन महासमिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील जैन पेंढारी, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण जैन, श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र मुक्तगिरी के मैनेजिंग ट्रस्टी अतुल कलमकर, डॉ. रिचा जैन, अधि. वैशाली वालचाले, उल्हास क्षीरसागर, उषा उदापुरकर, डॉ. मंजू जैन, अरविंद हनवंते, डॉ. हेमंत नरसिंग, मनीषा परतवार, प्रदेश महामंत्री दिलीप सावलकर, नरेश कासलीवाल, डॉ. वंदना जैन, शालिनी जैन, सूरज जैन पेंढारी प्रमुखता से उपस्थित थे. अतिथियों के हस्ते सभागृह उदघाटन, दीप प्रज्ज्वलन हुआ. मंगलाचरण नीता जैन पेंढारी नागपुर ने किया. समारोह की प्रस्तावना नितिन नखाते ने रखी. इस अवसर पर डॉ. मणिंद्र जैन को विश्व विख्यात उद्योजक, शीला डोडिया को धर्मसिंधु, स्व . पन्नालाल पापड़ीवाल को मरणोपरांत कर्मवीर युगपुरुष उपाधि और स्व.शीतलचंद जैन एमपीएसटी को श्रमण संस्कृति रत्न देकर सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर श्री दिगंबर जैन महिला महासमिति की राष्ट्रीय अध्यक्षा शीला डोडिया ने मार्गदर्शन करते हुए कहा हमारे परिवार को, हमारी पीढ़ी को संस्कारिक करना आवश्यक हैं. बच्चों को बचपन से ही धार्मिक संस्कार देना चाहिए. अपने अपने नगरों में दस दिवसीय धार्मिक शिविरों का आयोजन करे जिससे आनेवाली युवा पीढ़ी धार्मिक संस्कारों से संस्कारित होगी. महाराष्ट्र में शाखाओं का निर्माण होना चाहिए। शिक्षा और ज्ञान के बिना युवा का विकास अधूरा है. उपस्थित सभी अतिथियों ने अपने-अपने विचार इस अधिवेशन में रखें. मीना गरीबे ने बच्चों को कैसे धार्मिक, सामाजिक संस्कार दे विषय पर अपना मत प्रकट किया. उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. रवींद्र भुसारी तथा आभार प्रदर्शन राज्य महामंत्री दिलीप सावलकर ने किया. शाम के सत्र श्री भक्तामर पाठ का आयोजन जितेंद्र गडेकर, जया गडेकर, राजेंद्र सोनटक्के के संयोजन मे किया गया. तत्पश्चात् भजन संध्या में ऋषभ आगरकर के संगीत संयोजन में चंद्रकांत काटोलकर, नितिन पलसापुरे, मुकेश जैन आदि ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किये.
अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को सुबह पहाड़ मंदिरों की वंदना के बाद अभिषेक पूजन, कल्याण मंदिर विधान हुआ. प्रथम सत्र में अभयकुमार पनवेलकर, भंवरलाल जैन, आनंदराव सवाने, प्रमोद बगत्रे, गृहस्थाचार्य, आगम रत्न पं. मनोहरराव आग्रेकर और अन्य महानुभावों को सम्मानित किया गया. नागपुर के डॉ. सी ए रोहित सावलकर ने जैन अल्पसंख्यक आर्थिक विकास महामंडल के लाभ और योजनाएं इस पर मार्गदर्शन किया. समारोह का संचालन डॉ. नरेंद्र भुसारी ने किया. अंतिम सत्र में विवाह में होनेवाले विलंब और उसके प्रभाव इस विषय पर डॉ. नरेंद्र भुसारी ने उपयुक्त जानकारी दी और सभी का मार्गदर्शन किया. अधिवेशन को सहयोग करनेवाले सहयोगियों का सम्मान किया गया. अंत में आभार प्रदर्शन अरविंद हनवंते ने किया. संचालन नितिन नखाते ने किया.