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अमरावती न्यायालय का फैसला
अमरावती/दि.3 – एक नाबालिग पर अनैसर्गिक अत्याचार के मामले में स्थानीय न्यायालय ने आज आरोपी दिपक गुप्ता को 12 साल कैद और कुल धाराओं के तहत 35 हजार का जुर्माना ठोका और जुर्माने की रकम शिकायतकर्ता को मुआवजे के तौर पर देने के निर्देश दिये. आरोपी को दफा 377 में 10 वर्ष और पोस्को में 12 वर्ष की सजा सुनाई. यह सभी सजाए उसे एकसाथ भूगतनी है. आरोपी दिपक गुप्ता राजापेठ थाना क्षेत्र के तहत माया नगर परिसर का निवासी बताया गया है.
जिले की अचलपुर तहसील अंतर्गत ग्राम कापूस तलणी में रहने वाला एक नाबालिग यहां सीईटी की पढाई कर रहा था और टोपे नगर में निजी नौकरी करता था. वहां इस नाबालिग की पहचान माया नगर में रहने वाले दिपक गेंदालाल गुप्ता के साथ हुई. दिपक ने रविवार को छुट्टी रहने से पीडित नाबालिग को खाना खाने के लिए रात 10 बजे रुख्मिणी नगर बुलाया. वहां के कैलास बार में उसे शराब पिलाई और रात 11.30 बजे अपने घर ले जाकर उसपर अनैसर्गिक अत्याचार किया. नाबालिग की शिकायत पर राजापेठ पुलिस ने दफा 377, 506 व पोस्को की धारा 4 के तहत अपराध दर्ज कर मामला न्यायप्रविष्ठ किया है. न्यायालय में सुनवाई के दौरान कुल 10 गवाह जांचे गए. न्यायालय ने दिपक गुप्ता को आरोपी करार देते हुए दफा 376 के तहत 10 वर्ष की सश्रम कैद व 10 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर एक साल की साधी कैद, दफा 506 में 3 वर्ष की सश्रम कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 2 महिने साधी कैद और पोस्को की धारा 3 व 4 के तहत 12 वर्ष सश्रम कैद व 20 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 2 वर्ष साधी कैद की सजा सुनाई. जुर्माने की यह रकम वसूल होने के बाद मुआवजे के तौर पर शिकायतकर्ता पीडिता को देने के आदेश न्यायालय ने दिये है. इस मामले में सरकार की ओर से सहायक सरकारी अभियोक्ता पंकज इंगले ने सफल दलीले दी.