राष्ट्र के निर्माण में युवकों का सहभाग रहना चाहिए
स्वामी ज्ञानगम्यानंद का प्रतिपादन
* संगाबा विद्यापीठ में स्वामी विवेकानंद जयंती पर व्याख्यान
अमरावती/ दि.14-राष्ट्र के निर्माण में युवकों का सहभाग रहना चाहिए. इस पर स्वामी विवेकानंद ने भी जोर दिया था. युवक देश की बडी शक्ति हैं, ऐसा प्रतिपादन नागपुर स्थित रामकृष्ण परमहंस संघ के स्वामी ज्ञानगम्यानंद ने व्यक्त किया. वे स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में संगाबा विद्यापीठ के विद्यार्थी विकास विभाग व स्वामी विवेकानंद अभ्यासकेंद्र द्बारा आयोजित व्याख्यान व मेधावी विद्यार्थियों के सत्कार समारोह में बोल रहे थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता नवोपक्रम, नवसंशोधन व सहाचार्य मंडल संचालक डॉ. अशोक लाड ने की तथा प्रमुख अतिथि के रूप में विद्यापीठ अधिसभा सदस्य अमित देशमुख, विद्यार्थी विकास विभाग संचालक डॉ. राजीव बोरकर, स्वामी विवेकानंद अभ्यास केन्द्र समन्वयक योगेश्वर कुरवाडे उपस्थित थे. स्वामी ज्ञानगम्यानंद ने आगे कहा कि आत्म चैतन्य का दिव्यत्व स्वामी विवेकानंद देते हैं. आध्यात्मिक की विरासत भारत को स्वामी विवेकानंद ने दी है. उन्नत जीवन के लिए स्वामी विवेकानंद ने जनसामान्यों के उत्थान, महिलाओं की उन्नति, शिक्षा का प्रसार, राष्ट्र का भौतिक विकास का रास्ता दिखाया था. स्वामी ज्ञानगम्यानंद ने विद्यार्थियों को दुर्गुणों को त्यागकर चरित्रवान बनने का आवाहन किया. कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन डॉ. अभिजीत इंगले ने किया.