कृषि पदविका के साढ़े छे हजार छात्रों का भविष्य अंधेरे में
कृषि मंत्री को दौरे से ही फुर्सत नहीं
अमरावती/प्रतिनिधि दि.३ – किसानों के लिए बेहतर कार्य करने के लिहाज से दसवीं के बाद किसानों के बेटों को कृषि पदविका के लिए प्रवेश दिलवाकर तीन वर्ष का पाठ्यक्रम पूर्ण कराया जाता है. लेकिन इस वर्ष राज्य सरकार की नई नीतियों के तहत विद्यापीठ में किसानों के बच्चों का पदवीं के दूसरे वर्ष का प्रवेश नकारा गया है. जिसके चलते राज्य के 6550 छात्रों का भविष्य अंधेरे में दिखाई दे रहा है. कृषि मंत्री दादा भुसे को दौरे से फुर्सत नहीं है. जिसके चलते कृषि मंत्री छात्रों के हित में निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. वहीं अन्यायग्रस्त छात्रों का आरोप है कि कृषि मंत्री स्वयं इस मामले में टालमटोल कर रहे हैं.
यहां बता दें कि राज्य में कृषि पदविका की पढ़ाई करने वाले साढ़े छः हजार छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया अधर में लटकी है, ऐसे में कृषि मंत्री ने इस ओर विशेषरुप से ध्यान देकर इस समस्या का निराकरण करने की मांग की जा रही है.