धारणी/दि.1 – नगर पंचायत के नगराध्यक्ष पद पर सर्वसाधारण महिला विराजमान होगी. ड्रा के बाद यह तस्वीर स्पष्ट होते ही कई नेताओं के अरमान ठंडे हो गए. ड्रा सदोष और उचित जानकारी न देते हुए निकाले जाने से आरक्षण का मुख्य उद्देश्य सफल नहीं हुआ. ड्रा में गलती तथा एसी व ओबीसी को अपने संवैधानिक अधिकार प्राप्त करने के लिए युवक कांग्रेस के अमरावती जिलाध्यक्ष पंकज मोरे ने नागपुर उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है.
धारणी नगर पंचायत की स्थापना वर्ष 2015 में हुई. पहले नगराध्यक्ष का ड्रा सर्वसाधारण महिला के लिए निकाला गया. पहले ढाई वर्ष के कार्यकाल के लिए प्रथम नगराध्यक्ष के रुप में रजिया बी को चुना गया. ढाई वर्ष के बाद फिर से ड्रा निकालकर नगराध्यक्ष पद एससी प्रवर्ग के लिए आरक्षित हुआ. विधायक राजकुमार पटेल समूह के गुड्डू जांबेकर ने अगले ढाई वर्ष नगराध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली. इस बार नगराध्यक्ष पद एससी या ओबीसी के लिए आरक्षित रहने की उम्मीद थी. रोटेशन के अनुसार एससी या ओबीसी की बजाय दो दिन पूर्व निकाले गए ड्रा में तीसरे दौर के लिए सर्वसाधारण महिला के लिए नगराध्यक्ष पद आरक्षित हुआ. इसके खिलाफ भाजपा के सुधाकर पकडे, कांग्रेस के राजकिशोर मालवीय व अन्य नेताओं ने आवाज उठाई. अब युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पंकज मोरे ड्रा के खिलाफ आवाज उठाते हुए अनुसूचित जाति व अन्य पिछडा वर्ग के अधिकार के लिए उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे. कडाके की ठंड में भी मेलघाट की राजनीति का माहोैल काफी गरमा गया है. गलत जानकारी के आधार पर या जानबुझकर नगराध्यक्ष पद सर्वसाधारण प्रवर्ग के लिए घोषित होने से लोगों में असंतोष फैला हुआ है. चुनाव प्रक्रिया में आरक्षण की प्रक्रिया में गलती कर आरक्षण का मजाक उडाया गया है, ऐसा भी आरोपी उन्होंने लगाया है.