अमरावती

उमेश कोल्हे हत्याकांड के आरोपी युसुफ खान ने मांगी जमानत

जमानत याचिका पर 24 मार्च को होगी सुनवाई

अमरावती/दि.16– अमरावती के बहुचर्चित उमेश कोल्हे हत्याकांड के आरोपी युनुफ खान की तरफ से उनके वकील ने जमानत याचिका दायर की है. एनआईए ने इस जमानत याचिका का कडा विरोध करते हुए अदालत में कहा कि उमेश कोल्हे की हत्या के लिए आरोपी युुसुफ खान ही उकसाने वाला था. इस जमानत याचिका पर आगामी 24 मार्च को सुनवाई होने वाली है.
एनआईए ने युसुफ खान की जमानत याचिका पर लिखित रुप से विशेष एनआईए अदालत को जानकारी दी कि आरोपी युसुफ खान ने ही निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्पण करने वाले उमेश कोल्हे के संदेश का स्क्रीनशॉट लिया था और दूसरो को उसे निशाना बनाने के लिए उकसाया था. हत्या से संबंधित भारतीय दंडसंहिता की धाराओं के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए युसुफ खान ने अधिवक्ता शहजाद नक्वी के माध्यम से दायर की अपनी जमानत याचिका में कहा है कि वह तब्लीगी जमात सदस्य नहीं था, साथ ही यह भी कहा है कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. वहीं एनआईए ने अपने जवाब में जमानत का विरोध करते हुए कहा कि, वह साजिश और घटना को अंजाम देने में सीधे तौर पर शामिल था. युसुफ खान इस पूरे प्रकरण का मुख्य प्रेरक है. वह ‘ब्लैक फ्रिडम’ वॉटसएप ग्रुप का एकमात्र मुस्लिम सदस्य है. जिसमें मृतक उमेश कोल्हे ने नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए पोस्ट सांझा किया था. युसुफ खान जो इस संदेश से नाराज था उसने इस संदेश का स्क्रीनशॉट लेकर ‘कलीम इब्राहिम’ वॉटसएप ग्रुप पर भेज दिया. प्रकरण के सहआरोपी इरफान खान ‘कलीम इब्राहिम’ गु्रप के एडमिन व सक्रिय सदस्य थे. एनआईए ने दावा किया कि युसुफ खान ने इसे अन्य व्यक्तियों को भी भेजा और एक अन्य सहआरोपी आतिब राशिद से भी संपर्क किया. इतना ही नहीं बल्कि उसे उमेश कोल्हे से बदला लेने के लिए उकसाया. उसके उकसाने के कारण एक सप्ताह के भीतर उमेश कोल्हे की हत्या की गई. एनआईए ने यह भी बताया कि, आरोपी ने अदालत को गुमराह करने के लिए खुद को सुन्नी मुस्लिम बताया था जो बरेलवी संप्रदाय का अनुसरण करता है और तब्लीगी जमात की विचारधारा इससे विपरित है.
उल्लेखनीय है कि अमरावती शहर में 21 जून की रात दवा व्यवसायी उमेश कोल्हे की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उन्होंने भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट की थी. उमेश कोल्हे मेडिकल स्टोर्स चलाता था. उसने गलती से इस पोस्ट को एक ऐसे ग्रुप में साझा कर दिया था जिसमें कुछ मुस्लिम भी सदस्य थे. हमलावरों में उमेश कोल्हे का एक दोस्त भी शामिल है जो पेशे से वेटेनरी डॉक्टर था. बाद में मामले की जांच के दौरान एनआईए ने शेख इरफान, मुदस्सीर अहमद, शाहरुख पठान, अब्दुल तौफिक, शोएब खान, अतिब रशीद और युसुफ खान बहादुर समेत कुछ अन्यों को गिरफ्तार किया था.

 

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